अंटार्कटिका में भी पहुंच गया कोरोना वायरस, अब नहीं बचा दुनिया का कोई कोना

अंटार्कटिका में भी पहुंच गया कोरोना वायरस, अब नहीं बचा दुनिया का कोई कोना

जिस कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में आफत मचा रखी है अब वह कोरोना वायरस अंटार्कटिका में भी बहुत फैल चुका है।

अंटार्कटिका दुनिया के दक्षिणी ध्रुव में स्थित एक महाद्वीप है।

जो कि दुनिया का पांचवां बड़ा महाद्वीप है।

अंटार्कटिका में कोई भी व्यक्ति निवास नहीं करता है।

फिर भी यहां कोरोना वायरस का संक्रमण पहुंच चुका है।

आखिर कैसे पहुंचा यहां पर कॉरोना??

आज सबको यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है कि जब यहां कोई व्यक्ति निवास नहीं करता तो यहां कोरोना वायरस का संक्रमण कैसे पहुंचा।

दोस्तों यहां कोई व्यक्ति नहीं रहने के बावजूद भी यहां पर दुनिया के 30 देशों ने अपनी प्रयोगशाला स्थापित किए हुए हैं।

30 देशों की लगभग 70 प्रयोगशाला यहां पाई जाती है जिनमें से 60 प्रयोगशाला है इस समय काम कर रहे हैं।

भारत की भी यहां कुल 3 प्रयोगशाला आए हैं जिनमें से मैत्री और भारती इस समय काम कर रहे हैं और दक्षिण गंगोत्री नामक प्रयोगशाला को अभी रोक दिया गया है वहां पर कार्य जारी नहीं है जिसकी वजह से वहां कोई वैज्ञानिक नहीं है।

यहां पर चिल्ली नामक एक दक्षिणी अफ्रीकी देश ने भी अपना प्रयोगशाला बनाया है जहां पर कुछ जरूरी सामान पहुंचाते समय उसके साथ ही कोरोना वायरस वहां पहुंच गया।

(चिल्ली की राधिका के बीच में एक ड्रेस पास नामक जगह है )जहां से चिल्ली अंटार्कटिका तक अपना सामान पहुंच जाता है उसी रास्ते से गए हुए 3 कर्मचारियों द्वारा वापस लाने पर उनमें कोरोना पॉजिटिव पाया गया।

जिससे यह पता चलता है कि कोरोना संक्रमण वहां तक पहुंच चुका है।

इस महाद्वीप में कई प्रकार के जानवर निवास करते हैं व्यक्तियों का निवास करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि यहां का तापमान बहुत ही कम होता है।

यहां पर छह प्रकार के पेंग्विन पाए जाते हैं।

हमारे वैज्ञानिकों द्वारा यह पता चला है कि कोरोना वायरस उन तक नहीं पहुंचा है परंतु चिल्ली के वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस हो गया है।

अब देखना होगा कि हमारे वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस होता है या नहीं

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