हमारी सरकारें आम जनमानस को कोविड-19 ऐसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिऐ भरपूर प्रयास कर रही हैं पर स्वास्थ्य विभागीय कर्मी उन प्रयासों पर पानी फेरते से प्रतीत हो रहे है।ऐसा ही एक मामला नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीनगर उन्नाव का प्रकाश मे आया है।
प्राकृतिक आपदा के इस विकटतम काल मे भी रविवार को पूर्ण अवकाश पर रहने वाले इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों ने सोमवार प्रातः 10.45 पर स्वास्थ्य केंद्र का ताला खोला।तबतक वहाँ करीब आधा सैकड़ा से ऊपर टीकाकरण को आऐ लोगों की भीड़ एकत्र हो चुकी थी।अपनी चिरपरिचित शैली “नौ दिन चले अढ़ाई कोस”वाली शैली मे आवश्यक दस्तावेजों का संकलन किया और टीकाकरण की दूसरी डोज के लिऐ आऐ कुछ नागरिकों को यह कहकर टरकाते हुऐ भी नज़र आऐ कि तुम्हार ओ.टी.पी नही आ रहा।
चिकित्सकीय सेवाओं का बुरा हाल कोई नहीं है रोगियों का पुरूषा हाल
इस बाबत जब उक्त ड्यूटी कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होने अस्मर्थता जाहिर करते हुऐ डा.आन ड्यूटी डा नितिन चौधरी से बात करने को कहा जो कि अपराह्न 12.15 तक केंद्र पर नही थे और न ही उनका दूरभाष संपर्क हो पा रहा था।मु.चि.अधि के लैंड़ लाइन नं पर इस बाबत सूचना के पस्चात ड़ा.केन्द्र पर उपलब्ध हुऐ और लोगो की ओ.टी.पी न आने ऐसी समस्या का समाधान किया।
ज्वलंत प्रश्न यह है कि लेट लतीफी के इस आलम मे कोरोना यदि अपने पाँव पसार रहा है तो जिम्मेदार कौन?
क्या ऐसे ही स्वास्थ्य कर्मियों की ओ.टी.पी न मिलने की हीलाहवाली के कारण दूसरा टीका विलंब से लगने के कारण़ ही लोग इस भयंकर महामारी का शिकार हो काल के गाल मे समा गये।
जन सुविधाओं संबंधित समस्याओं के निस्तारण में नगर पालिका परिषद (उन्नाव) विफल
ब्यूरो महेंद्र राज शुक्ल