आज के वैज्ञानिक युग मे ठगों ने भी संचार माध्यमों का पूर्ण रूप से प्रयोग करना शुरू कर दिया है और प्रयोग भी कोई साधारण न होकर असाधारण है क्योंकि उनको कोई भय भी नहीं।
आनलाइन ठगी का एक ऐसा ही मामला प्रकाश मे आया है।जहाँ कोविड-19 जनित बेरोजगारी से बेरोजगार हुई उन्नाव शहर निवासिनी एक महिला सीमा (काल्पनिक नाम) के पास मो.नं 7571990032 से दिनाँक 11 नवंबर को एक काल आई फोन करने वाली महिला ने अपना नाम नेहा (Naukri.com) बताते हुए ठगी का शिकार हुुुई सीमा को यह बताया कि आई.सी.आई.सी.आई बैैंक की सेवा के लिए किया गया उसका आवेदन चयनित हो गया है
और आज दिनांक 1111 2020 को उसका ऑनलाइन टेस्ट होना है टेस्ट में सम्मिलित होने के लिए ₹999 कीी राशि भारतीय स्टेट बैंक की खाता संख्या 34423614689 (IFSc code-sbi N 00108930) पर जो कि किसी आदित्य कुमार निवासी अछल्दा के नाम है या वैैकल्पिक पे.टी.एम नं 8433307717 पर भेंज दे।यह भी बताया गया की टेस्ट मे सफल होने य न होने की स्थितिि में यह धन वापस कर दिया जायेगा व अन्य कोई शुुुल्क न लिया जायेेगा।
सीमा ने ततकाल ही दी गई खाता संख्या पर उक्त धनराशि जमा कर आन लाइन टेस्ट मे भाग लिया। कुछ समय बाद उस दिन पुनः सीमा के पास काल आई और ट्रेनिंग हेेतु उसे 4500 रुपए उसी खातेे में डालने के लिए कहा गया ।
सीमा द्वारा असमर्थता जाहिर करने पर उसकी बात किन्ही राज सक्सेना नामक व्यक्ति से जो कि अपने आपको आई सी आई सी आई बैंक का का अधिकारी बता रहे थे कराई गई सीमा के पास पुनः एक कॉल उन्हीं राज सक्सेना की मोबाइल नंबर 70815 75729 से आई और कहा गया कि यदि आप यह भुगतान नहीं कर रही है तो आप टेस्ट से बाहर हैं।सीमा द्वारा पूर्व में जमाा धनराशि की वापसी की बात करने पर दूसरी तरफ से फोन काट दिया गया तब से अब तक उपरोक्त दोनों नंबर स्विच ऑफ जाा रहे हैं एक बार संपर्क होनेे पर अपशब्दोंं का प्रयोग कर रहे है।
आखिर क्या है ऐसे लोगों की पृष्ठ भूमि?कौन दे रहा है इनको आश्रय?