कांशीराम आवास योजना के घोटाले में एसपी साहब को फटकार मिलते ही क्राइम ब्रांच हुई एक्टिव

चंदौली

शोएब की रिपोर्ट चंदौली/बी न्यूज़

चंदौली: जिले के जिला मुख्यालय पर कांशीराम आवास का निर्माण कराकर गरीबों को आवास दिए जाने के मामले में हेरा फेरी किए जाने के आरोपी नगर पंचायत के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद को बलिया जिले के रसड़ा स्थित उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया है।

चंदौली पुलिस की टीम ने उनको रसड़ा स्थित उनके दफ्तर से हिरासत में ले लिया है। वहीं चंदौली पुलिस ने कांशीराम आवास योजना के लाभार्थी गिरधारी तिवारी और तत्कालीन लेखपाल शिव शंकर पाठक को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।

हाईकोर्ट से मिली फटकार के बाद पुलिस कप्तान अंकुर अग्रवाल मैं चंदौली क्राइम ब्रांच की टीम को इस मामले में सरकारी अधिकारियों और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश जारी किया था।

तब कई सालों से दबाए जा रहे इस मामले में कार्रवाई की जा रही है।आपको बता देंगे 2011 में चंदौली नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी के पद पर तैनात राजेंद्र प्रसाद जनपद में लगभग एक दशक तक अपना कार्यकाल बिताया है।

वह इस दौरान चंदौली के साथ चकिया, सैयदराजा नगर पंचायतों में भी कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल में कांशी राम आवास योजना में जमकर धांधली हुई, जिसकी जांच पिछले कई सालों से आलाअधिकारियों के साथ साथ विधायक जी के दबाव में दबाई जा रही थी, लेकिन सोमवार को हाईकोर्ट में पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल को मिली डांट फटकार के बाद पुलिस ने इसमें तेजी दिखाई है और मामले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है।

ऐसा माना जा रहा है कि इसमें लगभग आधा दर्जन अधिकारियों की गिरफ्तारी शुक्रवार के पहले कर ली जाएगी, क्योंकि शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक को हाईकोर्ट में जाकर इस मामले में कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करना है।बताया जा रहा है कि राजेंद्र प्रसाद इस मामले में अग्रिम जमानत तथा अन्य कानूनी मदद के लिए हाईकोर्ट में अपील कर चुके थे, लेकिन सारे मामले में वह असफल साबित हुए थे।

इसके बाद राजेंद्र प्रसाद ने अपने तथाकथित राजनीतिक आकाओं के जरिए सत्ता के गलियारों और खासमखास नौकरशाहों के बीच अपने पकड़ का इस्तेमाल किया। इसी के जरिए वह बचते रहे हैं, लेकिन जब पुलिस कप्तान परशिकंजा कसा है तो उनकी सारी पैरवा भी फेल हो गई है।

अब वह मामले में गिरफ्तार होकर जल्द ही चंदौली लाए जाने वाले हैं। वह कांशीराम आवास योजना के घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं।आपको बता दें कि चंदौली जिले में हुए कांशीराम आवास योजना में आवास आवंटन घोटाला हुआ था,जिसमें तत्कालीन नायब तहसीलदार शीतला प्रसाद, कानूनगो शिवेश चंद्र लाल, लेखपाल रामकुमार, कानूनगो मोहम्मद सरफुद्दीन, नायब तहसीलदार सुनील कुमार बरनवाल, कानूनगो राजकुमार लाल, नायब तहसीलदार हीरालाल, लेखपाल दया शंकर पाठक, कानूनगो शिव शंकर पाठक और लेखपाल राम सकल आरोपी बनाए गए थे।

कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ लोग सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। वहीं नायब तहसीलदार के पद पर तैनात कुछ लोग प्रमोशन पाकर उप जिलाधिकारी के रुप में जनपद से बाहर चले गए हैं। सब पर एक एक करके गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

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