देश का हर नागरिक किसी न किसी रूप में किसानों के साथ जुड़ा होने के बाद भी, आज किसानो को गाली देने को आतुर हो रहा है ।
क्योकि सच बोलना, सुनना और सच्चाई के मार्ग पर चलना बहुत कठिन होता है । यही किसान कर रहे हैं । और झूठ की ऑधी बहुत तेज चलती है ।
आज वही हमारे देश में हो रहा है । कुछ संगठन ऐसे हैं, जो झूठ की ऑधी फैलाने के माहिर हैं । और वह झूठ फैला रहे हैं ।
कोई भी आन्दोलन हो उसे सबसे पहले बदनाम करने की कोशिश की जाती है । जैसे किसान आन्दोलन को, चीन और पाकिस्तान समर्थक बताया गया ।
आतंकवादी, अलगाववादी, खालिस्तानी, विदेशी चन्दे से चलने वाला आन्दोलन बता कर बदनाम करने की कोशिश की गयीं । लेकिन जब इन सबके बाद भी सफलता नहीं मिली तो 26 जनवरी को प्रायोजित हिंसा, सुनियोजित षड्यंत्र करके किसानों में फूट डालने और बदनाम करने की कोशिश की गयी है ।
कुछ हद तक इस कुचक्र में गोदी मीडिया और दलाल पत्रकारों के साथ तथा कथित चाटुकार संगठनों को सफलता भी मिलती नजर आती है । किसानों का पानी ,बिजली काटा गया ।
पुलिस और सुरक्षा बलों की शक्ति दिखाई गयीं । इन्टरनेट बन्द कर दिया गया है । लेकिन इसी बीच में सरकार और चाटुकार संगठनों की साजिश बेनकाब हो गया ।
क्योकि हिंसा के लिए दोषी और इस पूरे षडयंत्र को रचने वाला जिसकी मदद् पुलिस और प्रशासन ने किया जिस कारण इतनी बड़ी ,निन्दनीय हिसंक घटना लाल किला पर हुई ।
वह दीप सिद्धु, धर्मेद्र, हेमा मालिनी, और सनी देवोल का पारिवारिक मित्र ही नहीं है, बल्कि उनका राजनीतिक सहयोगी और सत्ता नसीन पार्टी का सक्रिय सदस्य, नेता, और कार्यकर्ता है ।
और दीप सिद्धु के लाल किला तक पहुंचने से लेकर नीसान साहब लगाने और भागने तक मे उसको पूरी मदद सासन, प्रशासन से मिला ऐसी चर्चा हैं ।इसी बात से जाहिर होता है कि यह पूरी घटना प्रायोजित थी, और किसानों को बदनाम करने, भगाने के लिए की गई है ।
जिसमें पूरा सहयोग गोदी मीडिया, चाटुकार पत्रकारों, दलाल संगठनों ने मिल कर यह साजिश किया है । यह तो अच्छा हुआ कि राकेश टिकैत जैसा निर्भीक, साहसी, और किसानों के लिए जीने मरने वाला नेता आज इस देश के किसानों के लिए सीना ताने खड़ा हैं ।
जिसको पूर्ण समर्थन मिलना चाहिए, यह लड़ाई केवल किसानों की नहीं है, यह देश के हर नागरिक की लडाई है, अगर आज किसान आन्दोलन टूट जाता है, किसान हार जाते हैं ।
तो यह देश के लिए दुर्भाग्य होगा, और इस देश को पूँजी पतियों के हाथ बिकने से कोई नहीं रोक पाएगा । इस लिए आज देश को बचाने के लिए ,किसान आन्दोलन का सभी को सहयोग और समर्थन करना चाहिए, कम से कम अपने लिए न सही ,देश के लिए सोचें, आने वालीं पीढ़ी के लिए हम सब को आगे आने की जरूरत है ।