बेसहारा पशुओ से किसान परेशान , कांजी हाउस व गौ संरक्षण केंद्र से किसानों को नहीं मिली राहत

अमेठी

अमेठी जिला के मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के बाद भी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं ।

जिससे गाँव गाँव आवारा पशुओ की बाढ़ सी आ गई हैं । जिसके कारण किसान तबाही के कगार पर खडा हो गया वह किसी से छिपा नहीं हैं ।

नमस्कार दोस्तों मैं दुर्गेश तिवारी आप सब देख रहे हैं बी ० न्यूज ० (सच वही जो हम दिखाए )

अमेठी जिला के विकास खंड भेटूआ के पूरे कुबरा सरुवावा गाँव मे आवारा पशु किसान की फसल को ही खत्म ही नहीं कर रहे है ।

बल्कि आम आदमी को भारी नुकसान पहुचा रहे हैं । क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसा गाँव हो जो इस महामारी का शिकार ना हुआ हो हर गाँव मे अवारा पशु किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं ।

किसानों की समस्या को संज्ञान मे लेते हुए 21 नवंबर को जिले के मुख्य विकास अधिकारी डा ० अंकुर लाठर के निर्देश पर जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई हैं ।

जिसका उद्देश्य गाँव व सड़कों पर बेसहारा घूम रहे पशुओ को गौ संरक्षण केंद्र तक पहुचाने के लिए सूचना प्राप्त करना था ।

किन्तु कंट्रोल रूम पर किसानों की सूचना का कोई ध्यान नहीं दिया गया । जिसकी वजह से कंट्रोल रूम की स्थापना मात्र एक फर्ज अदायगी तक ही सीमित हैं ।

पूरे कुबरा गाँव निवासी किसान प्रमोद शुक्ला का कहना हैं की हमने कंट्रोल रूम नंबर पर तीन से चार बार फोन किया ।

किन्तु आज तक इस समस्या पर समाधान तो दूर की बात हैं अभी तक कोई जिम्मेदार अधिकारी गाँव मे देखने तक भी नहीं आया कि किसानों की फसल बेसहारा पशु किस तरह बर्बाद कर रहे हैं ।

किसानों का कहना है की अगर बेसहारा पशु फसलों को इसी तरह बर्बाद करटे रहे तो ओ दिन दूर नहीं जब किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे ।

बता दे की बेसहारा पशुओ से किसानो की रक्षा के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने भारी बजट खर्च कर तमाम कांजी हाउस , गौ आश्रय स्थलों ,गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना की है|

लेकिन किसानों के लिए वह सब बेअसर साबित हो रहा हैं । मौजूद समय मे बेसहारा पशु किसान के लिए गंभीर महामारी का रूप लेते जा रहे हैं ।

सरकार समय रहते ही इस पर नहीं चेताया तो आने वाले समय मे और भयानक हो सकता हैं ।

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