जनपद सिद्धार्थनगर के तहसील इटवा अन्तर्गत स्थित जूनियर हाईस्कूल के प्रांगण में आज बुद्ध पूर्णिमा के महापर्व पर भारतीय बौद्ध महासभा एवं लार्ड बुद्धा नेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान बुद्ध पूर्णिमा महापर्व मनाया गया।
इस अवसर पर बौद्ध अनुयायियों ने महात्मा बुद्ध के छविचित्र पर पुष्प अर्पित कर अश्रुपूरित नेत्रों से श्रद्धासुमन अर्पित किया।तथा बौद्ध धम्म के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया । कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 का पालन किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद भारतीय बौद्ध महासभा के जिलाध्यक्ष केदारनाथ आजाद ने कहा कि गौतम बुद्ध को लाईट ऑफ एशिया कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने मानव जीवन के कल्याण के लिए अंहिसा के मार्ग को सर्वोत्तम मार्ग बताया और त्रिशरण एवं पंचशील को अंगीकार करने की लोगों से अपील की है।
आज दुनिया के कई देशों में बौद्ध धर्म को स्वीकार कर उन्नति के शिखर पर पँहुच गये हैं।
इसी क्रम में शिक्षक ओमप्रकाश ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता डा.भीमराव अम्बेडकर भी अपने आखिरी समय पर भगवान बुद्ध से प्रभावित होकर विजयदशमी के दिन महाराष्ट्र के नागपुर में अपने दस लाख अनुयायियों के साथ 14अक्टूबर 1956 को बौद्ध धम्म की दीक्षा लेते हुए भारत में समाप्त हो चुके बौद्ध धर्म को पुनर्जीवित करने का काम किया था।
इसी प्रकार लार्ड बुद्धा नेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जयकिशोर जी ने कहा कि बौद्ध धर्म एक वैज्ञानिक भारतीय धर्म है।इसमें छुआछूत,पाखंड जैसे आडंबर, जात-पात व ऊंच-नीच के लिए कोई स्थान नही है। अपितु यह धर्म मानव समाज में समता, बंधुता, प्रज्ञा, शीलता और करूणा का संदेश देता है।
महापर्व के इस कार्यक्रम में डा.जेपी बौद्ध, अनिल गौतम, राधेश्याम गौतम, शील प्रताप सिंह, धम्म प्रताप सिंह, रमेश गौतम, जय प्रकाश, आदर्श, अमित,वृजमोहन आदि लोग मौजूद रहे।
सिद्धार्थनगर से राजेश शास्त्री की रिपोर्ट बी न्यूज