माननीय प्रधानमंत्री के स्वप्न की खुले आम उड़ाई जा रही धज्जियां
यू तो तहसील व जिला स्तर पर व्याप्त अव्यवस्था वाले गाँवों की एक लंबी फेहरिस्त है जिसमे प्र.मं.ग्रामीण आवास योजना से लेकर आवारा पशु निस्तारण तक कई मामलों मे सरकारी अमला व स्थानीय स्व सरकारों की भूमिका संदिग्ध।लिप्त सरकारी अमले कृषि विभाग,राजस्व विभाग व खंड कार्यालय सरेआम स्थानीय प्रतिनिधियों की मदद से सरेआम शासनादेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
ताजा मामला जनपद उन्नाव की तहसील बीघापुर के सुमेरपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत कुतुबपुर में अधिकारियों और प्रधान ने साँसगाठ कर भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जनता को मिलने वाली शौचालय सुविधा की धज्जियां उड़ा दी हैं।हालात यह हैं कि न तो कहीं किसी का शौचालय बना है और न ही किसी को इस निर्माण हेतु पैसा ही प्राप्त हुआ है।
प्रधान द्वारा निर्माण सामग्री जो कहीं कहीं डाली गयी थी वह भी उठवा ले जायी गई है। ग्राम की महिलाएं,विकलांग व आसक्त जन जिनको टिकाकर ले जाया जाता है बाहर दूर शौच के लिए जाने को मजबूर हैं जो धन इस कार्य में व्यक्तियों की
सुविधा के लिए आया था वह प्रधान ने अपने हितैषियों के खाते में डालकर निकाल लिया तथा सरकारी धन का बंदरबांट कर निजी लाभ ले लिया है। शौच हेतु ग्राम वासी आज भी पुरानी प्रथा केलिए मजबूर हैं।मीडिया कर्मियों से बात करते हुऐ मौके पर कई ग्राम वासी मौजूद थे।
ब्यूरो महेंद्र राज शुक्ला