मानवाधिकार सहायता संघ कानपुर देहात की टीम की तत्परता से फिर बचायी गयी गौ माता की जान

औरैया

कस्बे के उत्साही युवाओं ने ट्रेन दुर्घटना से घायल गर्भवती गाय को निजी संसाधनो से इलाज कर बचाया था। गौसेवा समिति व गौरक्षा दल के किसी सदस्य ने नहीं ली घायल गाय की सुध।
औरैया जनपद के कचौंसी में शुक्रवार की रात को एक ट्रेन दुर्घटना से घायल गर्भवती गाय जिसे कस्बे के युवाओं ने रेलवे ट्रैक से हटाकर रेलवे स्टेशन के पास मनकामेश्वर मंदिर के बगल में रखा था।
जो पिछले एक माह पूर्व ट्रेन दुर्घटना में गंभीर घायल हो गयी थी। वो गाय कल रात प्रशव पीड़ा से तड़प रही थी। जिसका पिछले कमर के हिस्से व पिछले पैर टूटे होने के कारण खड़े होने में असमर्थ थी। और ट्रेन की टक्कर लगने से गाय का बच्चा उसके गर्भ में ही घूम गया था।

जिसका प्रशव नही हो पा रहा था। जिसको तड़पता देख कस्बे के युवाओं ने पहले गौसेवकों व भाजपा नेताओं को सूचना देकर मदद मांगी और रात में ही उपजिलाधिकारी को भी अवगत कराया लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की तब मानवाधिकार सहायता संघ की टीम से कस्बे के युवाओं ने जिलाधिकारी औरैया को फ़ोन द्वारा गाय की पूरी स्थिति बताकर मदद मांगी।

पुलिस का सराहनीय कार्य बेजुबान गाय  को गड्ढे से बाहर निकाला

जिस पर जिलाधिकारी ने तुरंत संज्ञान लेकर घायल गौ माता को पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम को गाय के इलाज के लिए तत्काल ही रात्रि में भिजवाया।

चिकित्सकों की टीम ने रात 11 बजे सुरक्षित प्रशव कराकर गाय व उसके बच्चे की जान बचाई। विश्व हिंदू परिषद गौरक्षा विभाग के जिला मीडिया प्रभारी विपिन गुप्ता ने गौरक्षा विभाग की खाऊ खुजाउ नीति से आहत होकर रात्रि में ही अपने पद से त्याग पत्र दे दिया।

पुलिस का सराहनीय कार्य बेजुबान गाय  को गड्ढे से बाहर निकाला

 

उन्होंने कहा ये गौरक्षा व गौसेवा के नाम पर चंदा इकठ्ठा करने व अखवारों में सिर्फ फ़ोटो छपवाने के लिए ही घूमते है। इन्हें गौसेवा से कोई मतलब नहीं।
जिलाधिकारी की इस उदारता व ततपरता के लिए कस्बे के लोगों ने धन्यवाद दिया। इस मौके पर सौरभ यादव, अभिनव शुक्ला, मुकेश गुप्ता, सतीश पोरवाल, दीपू दोहरे,दीपक पेंथर, अनमोल गुप्ता सहित दो दर्जन युवा मौजूद रहे।

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