लचार इंटरनेट बैंकिंग व बदमिजाज बैंक कर्मियों के साथ विश्व गुरु बनने का दिलस्वप्न

उत्तर प्रदेश

यह सत्य है कि सपने देखना हर व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है। किंतु यह भी कटु सत्य है कि उन्हें पूरा करने के लिए प्रयासरत होना अति आवश्यक है।

हमारे देश के माननीय राजनेताओं द्वारा जो भारत के विश्व गुरु बनने का ख्वाब देखा जा रहा है। उसे सरेआम धूल धूसरित कर रही है, देश की नेट बैंकिंग प्रणाली व बैंक कर्मियों का रूखा व्यवहार।


भारतीय स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक की राह पर चल पड़ा भारतीय जीवन बीमा निगम। बीते वर्षों से बैंको की विश्वसनियता पर जो प्रश्न चिन्ह लगा है, उसे और संदिग्ध बना रही है लचर सर्वर प्रणाली।


इलेक्ट्रॉनिक पास बुक प्रिंटिंग मशीन कई कई दिनों तक खराब पड़ी रहती है। शुक्रवार व शनिवार को अधिकतर जमा धन निकासी के वक्त सर्वर का चला जाना आम बात हो गई है।


बीते वर्षों मे जो भी बैंकिग संबंधी घोटाले हुऐ हैं, वो सप्ताह के प्रथम कार्यदिवस को ही उजागर हुऐ हैं । कही शुक्रवार व शनिवार सर्वर की व्यस्तता का कारण़ तो नही।


सर्वर की संकीर्णता से त्रस्त साधारण उपभोक्ता जब बैंक कर्मियों से शिकायत करता है, तो 11 बजे कार्य शुरू कर 1 घंटे भोजन अवकाश पर जाने वाला कर्मी बेरुखी से नकारात्मक जवाब देकर अपना पल्ला झाड लेता है।


आखिर क्यों करे आम उपभोक्ता बैकों मे जमा?क्या बेइज्जत होने के लिऐ ?

उन्नाव से महेंद्र राज शुक्ला की रिपोर्ट बी न्यूज (सच वही जो हम दिखाए )

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