केंद्र सरकार द्वारा कृषको के हित में बनाई गई योजना का माताहत उड़ा रहे माखौल। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पूर्व सरकारों की भांति अनेकों योजनाएं लोक हित में चलाई गई है।
योजनाओं का अस्तित्व सरकारी अमला सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक कर रहा है। उपरोक्त कथन की पुष्टि करता हुआ एक वाक्या प्रकाश में आया है जनपद के हसनगंज व उन्नाव मुख्यालय के शुक्लागंज की घटनाओं की पुनरोक्ति पुनः हो रही है।
केंद्र सरकार द्वारा कृषको के हित में बनाई गई योजना का माताहत उड़ा रहे माखौल। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पूर्व सरकारों की भांति अनेकों योजनाएं लोक हित में चलाई गई है।
योजनाओं का अस्तित्व सरकारी अमला सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक कर रहा है। उपरोक्त कथन की पुष्टि करता हुआ एक वाक्या प्रकाश में आया है जनपद के हसनगंज व उन्नाव मुख्यालय के शुक्लागंज की घटनाओं की पुनरोक्ति पुनः हो रही है।
मामला इस प्रकार है ।।
बीधा पुर ब्लाक तहसील बीघापुर ग्राम खरझारा निवासी दिनेश कुमार (पूर्णतः लकवा ग्रस्त) की भूमि ग्राम मे स्थित है विगत कई वर्षों से वह अपनी बीमारी की वजह से अपनी भूमि पर कृषि कार्यों का संचालन कर पाने में असमर्थ हैं वह पुत्रियों के आधीन है।
राजस्व विभाग/कृषि विभाग/भू माफियाओं की सांठगांठ से कृषक का किसान सम्मान निधि द्वारा प्रदान सहायता राशि का भुगतान भी तीसरी किस्त से रुका हुआ है।कृषक कई बार वांक्षित मानकों की पूर्ति कर आनलाइन आवेदन भी कर चुका है।
अर्थाभाव में दर-दर भटकने के बाद भी कोई हल न निकलने पर कृषक अपनी कृषि भूमि को बेचना चाह रहा है पर क्षेत्रीय लेखपाल भूमि की नाप जोख के लिए पीड़ित के से ₹5000 की धनराशि मांग रहे हैंं। यद्यपि माननीय एसडीएम तहसील बीघापुर ने दिनांक 23/ 10 /20 20 को प्रार्थी के प्रार्थना पत्र पर भूमि की नाप जोख संबंधी आदेश पारित कर दिए थे पर क्षेत्रीय लेखपाल उस भूमि की नाप जोख हेतु ₹5000 मांग रहा है जिसके साक्ष्य पीड़ित के पास मौजूद है ।
क्या ऐसे ही खुशहाल होगा अन्नदाता? सरकारी आदेशों की उड़ाई जा रही हैं सरेआम धज्जियां!