चंदौली: जिले में चर्चा का विषय बने कांशी राम आवास योजना के घोटाले के मामले में पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्यवाही करने का सिलसिला शुरू हो गया है।
इस मामले में विवेचना अधिकारियों के साथ-साथ कई उप निरीक्षकों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब पुलिस के क्षेत्राधिकारियों पर भी गाज गिरने की उम्मीद है, जो इसकी विवेचना की सही तरह से मानिटरिंग नहीं कर पाए थे।
शुक्रवार को चंदौली के पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल को हाईकोर्ट में पेश होकर इस मामले में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी पेश करनी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल विवेचना अधिकारियों, उपनिरीक्षकों के साथ-साथ इस मामले की मानिटरिंग करने वाले राजपत्रित पुलिस उपाधीक्षकों के खिलाफ भी की गई कार्यवाही का विवरण न्यायालय के समक्ष रखेंगे।
आपको बता दें कि इस मामले में एसपी चंदौली के द्वारा 13 मार्च 2022 को क्षेत्राधिकारी चकिया के पद पर तैनात रामवीर सिंह को सदर साइकिल के अंतर्गत चंदौली कोतवाली में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 100-2003 में विवेचना लंबित पाए जाने पर तत्कालीन विवेचक अरविंद कुमार यादव के खिलाफ लापरवाही बरतने और उनके संबंध में प्रारंभिक जांच शुरू किए जाने के निर्देश दिए गए थे।
इसके बाद चकिया के पुलिस क्षेत्राधिकारी के रूप में तैनात रामवीर सिंह इस मामले की जांच कर आख्या पेश की थी और इसमें अरविंद यादव के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की थी।इसके अलावा हाईकोर्ट में पुलिस अधीक्षक की पेशी के पहले 13 दिसंबर 2022 को आनन फानन में चंदौली जनपद में तैनात रहे कई उपनिरीक्षकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी हुए |
पुलिस कप्तान ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें आजमगढ़ में तैनात उपनिरीक्षक राकेश सिंह, मिर्जापुर में तैनात उपनिरीक्षक अजय कुमार सिंह यादव और माधव सिंह, जौनपुर जिले में तैनात उपनिरीक्षक सुनील कुमार चौरसिया, भदोही जनपद में तैनात इंद्र प्रताप यादव, कौशांबी जनपद में तैनात इंस्पेक्टर विनय प्रकाश सिंह और चंदौली जनपद में तैनात अपराध विवेचना शाखा के पूर्व इंस्पेक्टर अरविंद कुमार यादव के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए मामले में 15 दिन के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि आप लोगों ने पुलिस के कार्यों की सही तरीके से पालन नहीं किया और अपने कार्य में लापरवाही बरती है। इसीलिए पुलिस नियमावली के तहत परिनिंदा दंड से दंडित करने का आदेश जारी किया गया है।