कोचिंग संचालकों और इससे जुड़े हुए अध्यापकों का हुआ बुरा हाल
वैसे तो कोविड-19 के कारण अधिकांश व्यवसाय प्रभावित हुए है परंतु इसका सबसे अधिक प्रभाव कोचिंग/कंप्यूटर सेंटर संचालकों और इससे जुड़े हुए अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों पर पड़ा है वैसे सरकार इसी व्यवसाय मानते हुए इनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर शुल्क भी लेती है परंतु इस विषय परिस्थिति में इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है
कोचिंग संचालकों को अपनी संस्था का किराया बिजली का बिल लगातार देना पड़ रहा है जिससे इनकी हालत बद से बदतर होती जा रही है अगर सरकार ने इन लोगों की ओर ध्यान नहीं दिया तो बहुत से लोगों का जीवन सुधारने वाले इन संस्थानों के संचालकों और इनसे जुड़े हुए अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों को अपना जीवन यापन करना अब बहुत मुश्किल हो जाएगा
हमारी सरकार से यह मांग है की हम लोगों को एक गाइडलाइन बनाकर एक सीमित संख्या के साथ अपने संस्थान को चलाने की अनुमति दी जाए और सरकार को इन रजिस्टर संस्थानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए
हकीक उज जमा
महामंत्री
कोचिंग एसोसिएशन सुल्तानपुर