शाशन की मंशा को धता बताते हुऐ विभागीय कर्मचारी उडा़ रहे हैं शाशनादेशो का माखौल
बताते चलें कि सरकार के सख़्त शाशनादेशों के बाद भी उन्नाव के उमा शंकर दीक्षित संयुक्त चिकित्सालय का हाल दिन प्रतिदिन बद से बदतर होता जा रहा है चिकित्सकीय व विभागीय कर्मचारियों की हीला हवाली से सरकार की स्वस्थ भारत योजना धूल धूसरित होती प्रतीत हो रही है।
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परिसर के मुख्य द्वार से लेकर चिकित्सकीय संकाय तक अव्यवस्थाओं का माहौल यत्र तत्र देखा जा सकता है।प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही आवारा सुअर के झुंड़ चिकित्सालय की गुणवत्ता बयान करते प्रतीत होते है।ओ.पी.डी मे वाह्य रोगियों के पर्च बनाने के लिए भी बैठा हुआ एक कर्मचारी व लगी हुई रोगियों की लंबी कतार कोविड १९ के शाशकीय आदेशों की धज्जियां उडाती प्रतीत होती है जबकि परिसर मे तीन खिड़कियाँ क्रमशः पुरुष,महिला एवं स्वतंत्रता सं.सेना/वरिष्ठ नागरिक बनी हुई है।उक्त स्थल पर आए दिन रोगियों के तीमारदारों को अपने ₹4 वापसी के लिए बातचीत करते हुए देखा जा सकता है।
चिकित्सालय भवन में प्रवेश करते ही चिकित्सकीय कर्मचारियों के दुपहिया वाहन सुबह से लेकर रात तक चिकित्सालय परिसर के अंदर खड़े रहते हैं जबकि चिकित्सालय परिसर में एक वाहन का अड्डा भी बना हुआ है चौकी होने के बावजूद भी आए दिन वाहनों की चोरी हो जाना आम बात है। रोगियों के तीमारदारों को रोगियों को अपने कंधे पर ले जाते या स्वयं ही स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा जा सकता है चिकित्सालय के औषधि वितरण विभाग में किसी भी रोग के लिए सुगमता से उपलब्ध दवा सिर्फ पेरासिटामोल ही है चिकित्सकों से इस बाबत बात करने पर चिकित्सक इस दवा की उपलब्धता पर ही बल देते हैं
ट्रामा सेंटर की ओर जाने पर कुछ खराब खड़े रोगी वाहन देखे जा सकते हैं और अस्पताल परिषद में भ्रमण करते हुए कुत्ते कुछ मृत जानवरों के अवशेष को खाते हुए देखे जा सकते हैं चिकित्सालय का नवजात शिशु रोग विभाग भी व्याप्त अनियमितताओं में सहयोगी साबित हो रहा है जहां की चिकित्सालय में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे को कुछ समय के लिए रखा जाता है और उसकी सारी जांच बाहर की पैथोलॉजी से करा कर चिकित्सक कुछ समय बाद बच्चे को ठीक होने की बात कह उसके परिजनों को सौंप देते हैं।
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रात्रि का माहौल तो और भी बिगड़ा हुआ नजर आता है जहां मामूली से मामूली रोगी को भी चिकित्सक व चिकित्सकीय कर्मचारी उपचार दिए बगैर ही कानपुर या अन्यत्र किसी व्यक्तिगत नर्सिंग होम के लिए रेफर कर देते हैं जिला अस्पताल परिसर में व्यक्तिगत नर्सिंग होम के दलालों को भी भ्रमण करते हुए देखा जाता है।