झोलाछाप डाक्टर हुये बेलगाम , नही लग रहा इन पर कोई लगाम

गोंडा

योगी सरकार ने शुरुआती दिनो मे फरमान जारी किया था , कि झोलाछाप कोई और काम ढूल ले ।

लेकिन गोंडा जिले के बाबागंज मार्ग स्थित बिहुरी मोड कुंदेरवा चौराहा ,पृथ्वीपाल ग्रिंट , सदाशिव बाजार सहित पूरे इटीयाथोक विकास खंड मे तो हाल ही तो अलग है ।

उनके इस फरमान का यहा कोई असर ना तो पहले दिखाई पड़ा और ना ही अब दिखाई दे रहा है । यहा तो स्वास्थ विभाग ने ही ऐसे डाक्टरो को संरक्षण दे रखा है ।

विश्वव स्तर सूत्रो की बातो पर यदि यकीन करे , तो सूचना के नाम पर दो चार डाक्टर ही अनाधिकृत दर्शाये जाते हैं । जबकि पूरे विकास खंड मे झोलाछाप की संख्या सैकड़ों से अधिक हैं ।


नमस्कार दोस्तो मैं दुर्गेश तिवारी आप सब देख रहे है B. News (सच वही जो हम दिखाये )


सूबाई सरकार ने एसे झोलाछाप डाक्टरो को आगाह किया था । कि वे कोई और पेशा चुन ले । साथ ही उनके विरुध कार्यवाही के लिये स्वास्थ्य महकमे को दिशा निर्देश भी जारी किये गये थे।

बावजूद अब तक कुछ नही लिया गया । सीधे तौर पे ऐसे लोगो को झोलाछाप कहा जाता है । जिनके पास चिकित्सा अध्यन की बैध डिग्री नही है ।

साथ ही सीएमओ कार्यालय मे जिनका पंजीकरण भी नही है । इटीयाथोक विकास खंड मे इस तरह के डाक्टरो की स्थाई संख्या ही सैकड़ों है ।

जबकि गर्मी बरसात जैसे अधिक बिमारियो वाले मौसम मे इनकी संख्या मे और इजाफा हो जाता है इस समय भी समान्य वायरल संक्रमण से लेकर डायरिया , मलेरिया के मामले बढ़ गये है ।

जिसे देखकर झोलाछापो ने भी पैर फैलाना शुरू कर दिये है । पुराने डाक्टरो के अलावा कई नये डाक्टर भी भी सामने आ रहे है ।

यह समस्या केवल कस्बा बजार इटीयाथोक तक ही सीमित नही है। बल्कि ब्लाक क्षेत्र के गाव स्तर पर भी दर्जनो झोलाछाप शान से अपने क्लीनिक चला रहे है ।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्यवाई पर गौर करे तो महकमे ने अब तक इन झोलाछाप डाक्टरो के खिलाफ कोई भी कार्यवाई धरातल पर नही की है ।


नोटिस तक ही सिमट जाती है कार्यवाही


यूं तो लोगो के स्वास्थ्य और जान से खिलवाड़ करने वाले एसे लोगो के खिलाफ अफसरो को सख्ती दिखाने मे कसर नही रखनी चाहिये ।

लेकिन स्थानीय स्तर पर इसका विल्कुल उलटा हो रहा है । वे झोलाछापो के प्रति नरमी बरतने मे कसर नही छोडते । शिकायतो पर जब कभी


स्वास्थ्य विभाग के अफसर किसी झोलाछाप के यहा पहुँचते भी है तो सिर्फ नोटिस थमाकर आ जाते है ।

बाद मे झोलाछाप डाक्टर अफसरो से संपर्क करता है और विभागीय कर्मियो की जेब गर्म करने के बाद उसका कसूर ही खत्म हो जाता है।

Leave a Comment