नेपाल के प्रधानमंत्री ने किया लोकसभा को भंग
नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली जिन्होंने अपनी लोकसभा को भंग कर दिया।
जिसका अभी मुख्य कारण नहीं पता चल रहा हैं परंतु माना यह जा रहा है कि यह नेपाल और चीन के बीच बिगड़ते रिश्तों का प्रतीक है।
हाल ही में कुछ दिन पहले नेपाल के प्रधानमंत्री के खिलाफ नेपाल में विरोध के नारे भी लगाते हुए लोगों का वीडियो वायरल हुआ था।
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जिसमें दिखाया गया था कि वहां के लोग अपने प्रधानमंत्री से खुश नहीं है।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने क्यों किया अपनी ही लोकसभा को भंग।
2008 तक नेपाल में राजाशाही व्यवस्था थी।
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सारे देश को हटाकर वहां की नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी ने वहां पर रिपब्लिक व्यवस्था को व्यवस्थित किया।
जहां पहले नेपाल में देश का राजा और प्रधानमंत्री दोनों हुआ करते थे वही आप नेपाल में केवल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री होते हैं।
वर्तमान में नेपाल की नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है जिसके नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड ही वहां के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विरोध में आ गए हैं।
माना जाता है कि कुछ दिन पहले पास कराए गए अध्यादेश को एक बनाने की वजह से लोग उनके विरोध में हैं।
इस कानून में लिखा हुआ है कि देश के सभी प्रमुख पदों की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी।
इसका विरोध नेपाल की नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बार-बार किया जा रहा है।
2017 में चुन के आए हुए प्रधान मंत्री के पी शर्मा शासनकाल 2022 तक था।
उन्होंने अपनी लोकसभा को भंग करके अगले 6 महीने में ही पुनः चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित कर दिया है।
देखना होगा कि इससे भारत और नेपाल के रिश्ते में किस प्रकार के परिवर्तन आते हैं