न्यूजीलैंड जो ऑस्ट्रेलिया का पड़ोसी देश है वहां की सरकार ने इच्छा मृत्यु को कानूनी तौर पर मान्यता प्रदान कर दी है।
वहां की सरकार ने जनमत संग्रह द्वारा इस कानून को पारित किया।
यह कानून वर्ष 2019 में लाया गया।
सरकार के द्वारा जब यह कानून लाया गया तो वहां के लोगों ने इस कानून को लागू करने से पहले जनमत संग्रह कराने की मांग प्रकट की
जिस को मद्देनजर रखते हुए वहां की सरकार ने जनमत संग्रह कराया।
जनमत संग्रह में न्यूजीलैंड के 65% लोग चाहते हैं कि इच्छा मृत्यु को कानूनी तौर पर मान्यता प्रदान कर दी जाए।
क्या होती है इच्छा मृत्यु?
इच्छा मृत्यु ,इच्छा मृत्यु का मतलब है एक अच्छी मौत, जिसके अंतर्गत एक व्यक्ति जो अपनी शारीरिक स्थिति से बहुत परेशान हो
और वह मरना चाहता है तो उसे मरने की इजाजत दे दी जाती है।
इच्छा मृत्यु को दो प्रकार से माना जाता है
पहला जब कोई व्यक्ति किसी डॉक्टर की सलाह सेअर्थात अगर किसी डॉक्टर ने यह कह दिया कि वह व्यक्ति अब जीवित नहीं रह सकता तो वह डॉक्टर की सहायता से अपने जीवन को समाप्त कर ले।
और दूसरा तरीका होता है कि अगर कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय से बीमार है और डॉक्टर द्वारा यह कहा गया है कि यह व्यक्ति अधिक समय तक जीवित नहीं रहेगा तो उसके सारे सपोर्ट सिस्टम को हटा दिया जाए। जिससे कि वह मृत्यु को प्राप्त हो जाए।
सुसाइड को इच्छा मृत्यु के अंदर मान्यता नहीं दी जाती है।
भारत में इच्छा मृत्यु की स्थिति
भारत में इच्छा मृत्यु को गैरकानूनी माना जाता है।
परंतु जैन धर्म इच्छा मृत्यु को संथाला नाम से जाना जाता है।
जिसमें यदि व्यक्ति अपने जीवन को समाप्त करना चाहे तो अपना भोजन एवं पानी छोड़ सकता है जिससे धीरे-धीरे उसका शरीर मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
परंतु भारत की सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी अमान्य घोषित कर दिया है।
विश्व में इच्छा मृत्यु की स्थिति!
विश्व में बहुत ही कम देशों ने इसे मान्यता दी है फिर भी लगभग 12 देश ऐसे हैं जो इच्छा मृत्यु को कानूनी तौर पर मान्यता प्रदान करते हैं।
- ऑस्ट्रेलिया
- जापान
- इजराइल
- कोलंबिया
- नीदरलैंड
- बेल्जियम
- लक्जमबर्ग
- जर्मनी
- ग्रेट ब्रिटेन
- स्विजरलैंड
- फ्रांस
- अमेरिका
इच्छा मृत्यु के लिए क्या मापदंड है।
- एक टर्मिनल बीमारी से पीड़ित है जो 6 महीने के भीतर अपने जीवन को समाप्त करने की संभावना रखता है।
- शारीरिक क्षमता में महत्वपूर्ण गिरावट दिखा रहा है।
- सहायता प्राप्त मरने के बारे में सूचित निर्णय लेने मैं सक्षम होना चाहिए।
इसके अलावा न्यूजीलैंड में भांग को भी कानूनी तौर पर मान्यता देने के लिए जनमत संग्रह कराया गया जिसमें लोगों से सिर्फ 48% लोगों ने यह कहा कि भांग को कानूनी तौर पर मान्यता दी जानी चाहिए कम मतदान की वजह से भांग को कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त नहीं हुई।