पटवारी से लोग त्रस्त, बिना चढ़ावे का नहीं करते काम

मध्यप्रदेश

पटवारी का हल्का में नहीं रहने से किसान परेशान, विभाग संबंधी काम के लिए मांगते हैं भारी-भरकम राशि

रवि प्रसाद प्रजापति बी न्यूज़ मध्य प्रदेश

सरई तहसील क्षेत्र इटमा हल्का पटवारी का मामला जहां एक ओर सरकार ने पटवारियों की मनमानी को रोकने के लिए शिकायत मोबाइल नम्बर जारी कर दिया है तो वहीं जिले के कलेक्टर ने भी सप्ताह पंद्रह दिन में राजस्व संबंधी बैठक कर विभाग संबंधी कामों को करने का फरमान करता है लेकिन सुत्रो की बात माने तो वही दूसरी ओर सरई तहसील क्षेत्र के इटमा हल्का पटवारी के क्रियाकलापों और चढ़ावे को लेकर लोग त्रस्त हो चुके हैं।

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दरअसल राजस्व एक ऐसा विभाग है जिसमें आए दिन लोगों को पटवारियों से काम पड़ता रहता है, नाप-जोख से लेकर आय-जाति नामांतरण एवं नकल एवं अन्य कामों की जरूरत के लिए पटवारियों के पास जाना पड़ता है। वहीं इटमा पटवारी अपने हल्का में नहीं रहने से किसानों एवं लोगों को दिक्कतें और भी बढ़ जाती है। वहीं कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी इटमा हल्का पटवारी अपने हल्का में नहीं रहना समझ से परे है। वहीं इनका हल्का में नहीं रहने से किसान और ग्रामीण काफी परेशान हैं। वहीं लोगों के द्वारा बताया गया कि इटमा हल्का पटवारी सरई रेलवे स्टेशन रोड पर अपने ही रूम में आफिस संचलन किया हुआ जिसमें लोगों को उसके आफिस का चक्कर काटना पड़ता है। साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि छोटे छोटे काम के लिए भी पटवारी का आफिस जाना पड़ता है, और छोटे काम के लिए भी पैसों की मांग करते हैं वहीं लोगों के द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि पटवारी अपने रूम में पैसा लेता ही है बल्कि हल्का में बहुत सारे असिस्टेंट रखकर पैसा वसूली एवं विभागीय दस्तावेजों को उनके पास जमा करवाता है।

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जिसमें भविष्य में कभी भी दस्तावेज में हेराफेरी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं इटमा पटवारी के इशारे पर अस्टिटेंट के द्वारा भारी रकम की मांग किए जाने की बात सामने आता है जो आज जीता-जागता उदाहरण आडियो भी समाने आई है जहां सरपंच ने फरियादी से पटवारी का नाम लेकर पांच सौ लेने का मांग करता है।अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पटवारी के इशारे पर कितने असिस्टेंट पैसे मांगते होंगे।

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वहीं आपको बता दें कि वहीं इन असिस्टेंटो का मांग पूरा नहीं होने पर किसानों के कामों को हीला-हवाली कर बार-बार बुलाकर परेशान कर जिससे किसान परेशान होकर उनके मांगों को पूरा करते हैं तब जाकर उसका काम होता है। वहीं आपको बता दें कि इस पटवारी को विभागीय अधिकारियों से डर बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि ये विकलांग श्रेणी में आता है और पूरा फायदा उठाता है।
वहीं इसके कामों से ऐसा लगता है कि इनको घूस लेने के लिए उच्च अधिकारियों का छत्रछाया प्राप्त हुआ है। वहीं आपको बता दूं कि किसानों को आएं दिन पटवारी से काम पड़ता है जिसके कारण इनकी शिकायत करने के लिए कोई सामने नहीं आता है।

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वहीं ग्रामीणों ने देवसर एसडीएम से गुहार लगाया है कि ऐसे पटवारी के ऊपर तुरंत कार्रवाई कर इसे अन्य जगह या तहसील कार्यालय में अटैच करें।

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