पिता-पुत्र का शव पहुंचने पर घर मे मचा  कोहराम 

प्रतापगढ

पिता और बाबा का शव देखकर बिलख पड़े मासूम
एक साथ उठी पिता-पुत्र की अर्थी, हर आंखें थीं नम
कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती) भी पहुंचे और पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया।
सड़क हादसे में जान गंवाने वाले पिता-पुत्र का शव मंगलवार को दोपहर बाद घर लाया गया तो परिजन बिलख पड़े।
परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। दोनों शव अंतिम संस्कार के लिए प्रयागराज ले जाए गए।
प्रतापगढ जनपद के पट्टी तहसील के गाव  हरीपुर  बरदैता के राममूर्ति सिंह (65) रिटायर शिक्षक थे। सोमवार को वह अपने बेटे अजय सिंह (30) के साथ प्रयागराज स्थित एक अस्पताल में आंख दिखाने गए थे।
रात में बाइक से पिता-पुत्र घर लौट रहे थे। रानीगंज-पट्टी मार्ग पर विष्णूपुर के समीप सड़क किनारे खड़ी ट्रैक्टर ट्रॉली से बाइक के टकराने से दोनों लोगों की मौत हो गई थी।
पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार दोपहर पिता-पुत्र का शव हरीपुर बरदैता स्थित घर लाया गया। कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती) भी पहुंचे और पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया।

पिता व बाबा का शव देखकर बिलख पड़े मासूम पापा और बाबा अब नहीं आएंगे क्या मम्मा। इतनी भीड़ अपने घर पर क्यों है।
कहां गए पापा? वह तो कहे थे कि बाबा को गंगा स्नान और उनकी आंखें दिखाने के बाद मुझे खिलौने लेकर आएंगे, लेकिन अपने घर तो बहुत भीड़ है।
सब बहुत रो रहे हैं। मृतक अजय के आठ वर्षीय बेटे यश और पांच वर्षीय बेटी अनन्या बार-बार अपनी मां से यही सवाल कर रहे थे।
उनकी बातें सुनकर मौजूद हर किसी की आंख नम हो जा रही थी। मोनी उर्फ कुमकुम पति व ससुर के शव से लिपटकर रो रही थी।
एक साथ उठी पिता-पुत्र की अर्थी, हर आंखें थीं नम
एक साथ पिता-पुत्र की अर्थी उठते देख हर किसी की आंखें नम थी।
ग्रामीणों की जुबान पर सिर्फ एक ही चर्चा थी कि छोटे बेटे के साथ राममूर्ति का इतना लगाव था कि उनके साथ ही बेटे अजय की भी अर्थी उठ गई।
राममूर्ति सात साल पूर्व प्रधानाध्यापक पद से रिटायर हुए थे। अजय भाइयों दिनेश प्रताप, गुड्डू, पप्पू, ननकू और बहनों वंदना व कंचन में सबसे छोटा था।
वह प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल में कैंटीन चलाता था।

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