पूर्व बिधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को पहले हुई 5 साल की सजा अब बिधानसभा की सदस्यता हुई रद्द

हरि ओम सिंह /अयोध्या बी न्यूज़

भारतीय जनता पार्टी के गोसाईगंज विधानसभा से विधायक रहे इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू एवं उनके समर्थकों को गुरुवार सुबह एक खबर के बाद और झटका लगा है, पहले एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा 5 साल की सजा और अब इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू की विधानसभा की सदस्यता भी निरस्त हो गई है
अयोध्या की एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा 5 साल की सजा के बाद इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू ने अपनी सजा के खिलाफ एंव जमानत के लिए हाई कोर्ट में अपील की है हालांकि हाईकोर्ट में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला 13 दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया है
लेकिन इससे पहले ही एक और खबर ने इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू एंव उनके समर्थकों को मायूस कर दिया गुरुवार सुबह इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू की विधानसभा की सदस्यता की भी निरस्त होने की खबर आई खबर के बाद समर्थकों में मायूसी छा गई

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ज्ञात हो कि अयोध्या के एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा फर्जी मार्कशीट मामले में 18 अक्टूबर को इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू एवं दो अन्य लोगों को फर्जी मार्कशीट के मामले में पांच पांच साल की सजा सुनाई थी तभी से ही यह अंदेशा जताया जा रहा था देर सवेर भाजपा विधायक की सदस्यता भी निरस्त हो जाएगी और आखिरकार भाजपा विधायक की सदस्यता भी निरस्त हो गई। हालांकि सजा के खिलाफ एंव जमानत के लिए हाई कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखने के बाद 13 तारीख को क्या फैसला आता है या भविष्य के गर्भ में है। कोर्ट के फैसले से पहले कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।उन्हें फर्जी मार्क्सशीट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश लेने के करीब 29 साल पुराने मामले में अक्तूबर 2021 में सजा सुनाई गई थी। घटना 1992 की है। साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर यदुवंश राम त्रिपाठी ने 18 फरवरी 1992 को इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू, फूलचंद यादव और कृपा निधान तिवारी के खिलाफ फर्जी मार्क्सशीट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश लेने की एफआईआर रामजन्मभूमि थाने में लिखाई थी।

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