बदहाल गोवंश,बेहाल गोवंशी,मौन प्रशासन

उन्नाव

उत्तर प्रदेश के यशश्वी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गोधन के विकाश व कल्याण हेतु अनेक प्रयास किये हैं पर प्रशासनिक अकर्मण्यता से माननीय मुख्य मंत्री जी के सभी प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे हैं।ऐसे ही गोधन के विकास एवं कल्याण हेतु व ग्राम क्षेत्रों में आवारा पशु विशेषतया गोवंश हेतु आश्रय स्थल के निर्माण संबंधी आदेश भी बीते वर्षों मे आया था।जो कि प्रशासनिक दुर्वयव्स्था की भेंट चढ़ चुका है।
ताजा मामला विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित जी के निर्वाचन क्षेत्र भगवंत नगर के वि.खण्ड सुमेरपुर के ग्राम महेश खेड़ा में निर्मित अस्थायी गौशाला का है।
ग्राम वासियों की शिकायत कर बी न्यूज़ की टीम ने किया निरीक्षण व्यवस्था देखने वाले प्रवासी प्रधान से संपर्क करने पर उन्होने अपने दिल्ली में होने की बात बताई, व अपने प्रतिनिधि से संपर्क करने की बात बताई। नहीं
मिला प्रतिनिधि, फोन भी था स्विच आफ। एक दिन पूर्व ही प्रतिनिधि से इस बाबत दूरभाष पर हुई थी वार्ता और मुलाकात भी थी तय।
ग्रामीणों की माने तो अव्यवस्थाओं के कारण प्रतिदिन दो-चार गोवंश भूख प्यास से व्याकुल हो तोड़ रहे हैं दम। पूर्व मे क्षेत्रीय जनता की शिकायत पर जाँच करने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी आवभगत कर लौट चुके हैं। गोवंश
परिसर के निकट ही स्थित झील में गोवंशियों के शव फेंके जाने की बात प्रकाश में आई है। आस पास के खेतों में गोवंशियों के धड़ विहीन सिर मिलना सामान्य बात है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि सिरों के धड़ विशेषतया चर्म आदि आखिर गया तो कहाँ?महेश खेड़ा स्थित गौशाला
ग्राम वासियों द्वारा प्रति गोवंश 500/रु. संचालक द्वारा लिए
पहुंचे जाने की बात भी प्रकाश में आई है जबकि 30/रु. प्रति दिन गोवंश सरकारी स्तर पर भी प्राप्त होता है।दूरभाष पर प्रधान
प्रतिनिधि से बात चीत पर यह जानकारी प्राप्त हुई कि गत् वर्ष नवंबर २०२० से शासन द्वारा कोई वित्तीय सहायता नहीं प्राप्त हुई है जो कि गोवंशों की बदहाली का मुख्य कारण है।क्षेत्रीय निवासियों के अनुसार दूसरी बार चयनित भा.ज.पा समर्थित प्रधान दिल्ली मे रह कर ही प्रधानी चला रहे हैं।

ब्यूरो महेंद्र राज शुक्ल

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