बुर्का बनेगा नया स्कूल ड्रेस

बी न्यूज़ अंकित त्रिपाठी

कर्नाटक स्कूल से उठी आवाज पूरे देश में फैल गई है कुछ राज्यों में चुनाव है जो अपनी राजनीतिक सत्ता पाने के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं स्कूल और कॉलेज एक शिक्षा का मंदिर है जहां सभी धर्म के लोग एक समान है जिसे कुछ लोग ने सत्ता के लालच में राजनीतिक मुद्दा बना दिया है

मुस्लिम समाज बुर्का का समर्थन कर रहा है स्कूलों में बुर्का के लिए परमिशन मांग रहे हैं पर वही औरतों को मस्जिद में जाने की परमिशन नहीं देता . क्या वहां औरतों का अधिकार नहीं है जाकर नमाज पढ़ने का या उनके मौलिक अधिकार की अवहेलना नहीं है स्कूल कॉलेज जो किसी धर्म विशेष से नहीं जुड़ा होता है वह अपने सिद्धांतों पर चलता है सभी को समान शिक्षा जो उसका कार्य है पर कुछ कट्टरपंथी लोग आर एस एस की स्कूलों पर उंगली उठाते हैं पर अपने मदरसों को देखना भूल जाते हैं कि वह भी मजहबी शिक्षा को प्रोत्साहित कर रहे हैं विद्यालय और कॉलेज में चुनने का अधिकार है पर उसके ड्रेस नियमों की अवहेलना करने का अधिकार नहीं है कुछ देखो में जैसे फ्रांस, रूस और नीदरलैंड में बैन है नीदरलैंड में अपराध की श्रेणी में आता है कुछ मुस्लिम देशों मे भी बैन है जैसे बुल्गारिया सीरिया और इजिप्ट जहां 80 %मुस्लिम लोग हैं वहां पर भी इसकी रोक है डेनमार्क में ₹12000 जुर्माने का प्रावधान है तो भारत में हाईकोर्ट के आदेश देने के बाद भी मुस्लिम लोग स्कूलों में इसको पहनने की जिद क्यों कर रहे हैं क्या या चुनाव के माहौल में 80 बनाम 20 का कोई षड्यंत्र तो नहीं

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