कथा का दूसरा दिन। संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन झूमे श्रोता।
बीकापुर,अयोध्या।
जो भगवान से भक्त को मिला दे उसी को कथा कहते हैं।भक्ति ज्ञान बैराग्य के माध्यम से भक्ति प्रेम योग की कथा का बखान किया।
गुरुवाणी पर भरोसा करते हुए इसे जीवन में उतारने पर ही जीवन धन्य होगा।यह उदगार शनिवार को काशी से पधारे विद्वान कथाव्यास डॉ प्रभाकर जी महाराज ने बड़का दूबेपुर निधियाँवा बाजार में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पहले व दूसरे दिन कही।
कथा वाचक प्रभाकर जी ने आगे कहा कि श्रीमद भागवत में कहा गया हैं कि भगवान एव भागवतम यानी भागवत ही भगवान हैं।यही नही कथा सुनने मात्र से भक्ति विरक्ति व ज्ञान का लाभ सम्भव हैं।
बीच बीच मे मोहे हरि सन प्रीति लागी रे—-। व मंगल मूरत मारुत नन्दन,सकल अमंगल मूल निकन्दन पर मौजूद श्रोता गण झूम उठे।भगवान के चौबीस अवतारों का विस्तार से भीष्म स्तुति का मार्मिक प्रसंग सुनाते हुए शिवसती का संवाद व दक्ष की यज्ञ का श्रवण लाभ कराया।
कथा में प्रयाग से पधारे हारमोनियम पर प्रभाकर मिश्र,बेंजो पर कृष्ण कुमार व बांसुरी पर कन्हैया कुमार,तबले पर दिवाकर ताल के माध्यम से भक्तों का मोह रहे है पूजन अर्चन में श्याम सुंदर तिवारी,आलोक पांडेय आदि वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा चल रही हैं।
कथा में प्रमुख रूप से मुख्य यजमान श्याम बहादुर द्विवेदी व चमेली देवी,अनुराग द्विवेदी, विकाश द्विवेदी, सर्वेश द्विवेदी,सुशांत द्विवेदी, निशांत द्विवेदी, मयंक, मानसी,शिवांश,रुद्रांश, अनन्य वरुण दुबे,अभिषेक,अवनीश दुबे,आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।