योगी सरकार में नहीं सुरक्षित हैं पत्रकार

लखीमपुर खीरी

क्यों नहीं होती है पत्रकारों पर हमला करने वाले पर कठोर कार्रवाई
लखीमपुर खीरी। जिले की कोतवाली पसगवां क्षेत्र अंतर्गत बीते 29 नवंबर की रात को जिला स्तरीय पत्रकार पर विपक्षियों ने उनके घर पर घुसकर जानलेवा हमला कर दिया।

ज्ञात हो कि श्री देवेश कुमार मिश्रा अमर ख्याल हिंदी दैनिक समाचार पत्र से जिला लखीमपुर खीरी में बतौर ब्यूरो प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं। जोकि ग्राम जमुका पोस्ट महमूदपुर नाजिर थाना कोतवाली पसगवां तहसील मोहम्मदी खीरी में अपने ननिहाल में अकेले ही रहते हैं।
जहां पर ननिहाली संपत्ति मिलने के कारण लोग उनसे आए दिन विवाद करते रहते हैं। साथ ही देवेश कुमार मिश्रा लखीमपुर खीरी में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिला महासचिव भी हैं।

बीती रात ग्राम जमुका के ही सूरज कुमार द्विवेदी पुत्र राम सरन लाल ने पत्रकार देवेश मिश्रा, जोकि कहीं बाहर से घर वापस ही आए थे, को घर से बाहर बुलाया। लेकिन जैसे ही देवेश मिश्रा ने गेट खोला कि तभी पहले से ही घात लगाए बैठे सूरज कुमार द्विवेदी पुत्र राम सरन लाल ने पत्रकार के ऊपर लोहे की पाईप से अंधाधुंध वार करने शुरू कर दिए। अचानक हुए हमले से देवेश मिश्रा बेखबर थे।

खोख़ले दावों के बीच बेटियाँ नहीं सुरक्षित

जिसके कारण लाख बचाव करने के बावजूद भी पाईप लगने से देवेश मिश्रा का सर फूट गया। घुटना फूट गया तथा सीना, बाहें आदि कई अन्य जगहों पर भी काफी चोटें आईं। किसी तरह से देवेश कुमार मिश्रा ने बमुश्किल हमलावर सूरज कुमार द्विवेदी के चंगुल से अपने जीवन को बचा पाया।

उक्त घटनाक्रम की जानकारी देवेश मिश्रा ने तुरंत संबधित पुलिस को दी। जिस पर कि रात में ही कोतवाली पसगवां से पुलिस आई। जोकि दोनों पक्षों को सुबह थाने बुलाकर वापस चली गई।
सुबह देवेश मिश्रा ने थाने में जाकर लिखित तहरीर देकर अपराधी विपक्षी सूरज कुमार द्विवेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
पुलिस ने मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज कर आगे उचित कार्यवाही करने का आश्वसन दिया है।
इधर देवेश कुमार मिश्रा ने समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक को अपनी चोटें बताकर सीने का एक्स-रे करवाने को कहा। लेकिन वह नहीं हुआ।

पत्रकार सूरज पांडेय मर्डर केस मे अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा का ज्ञापन

अब यहां पर खास बात यह है कि यदि अपराधी सूरज कुमार को अपने अपराध के लिए यदि उचित दण्ड नहीं मिला तो वह निर्भीक व और उद्यंड हो जाएगा। एनसीआर में मात्र धारा 323 दी गई है। क्या अपराधी सूरज कुमार द्विवेदी द्वारा निर्दोष व अकेले देवेश कुमार मिश्रा किए गए जानलेवा हमले के लिए 323 जैसी मामूली धारा काफी है।जिसके चलते यदि फिर से अपराधी सूरज कुमार द्विवेदी ने पीड़ित पत्रकार व उसके परिवार पर कोई आत्मघाती हमला किया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

Leave a Comment