राजधानी के श्मशानों पर शाम सात बजे तक 173 शव पहुंचे, जिनमें 73 शव कोरोना संक्रमितों के रहे।

लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ  में कोरोना का कहर ढाया जा रहा है।ये मौत का तांडव नृत्य होता नजर आ रहा है।जिस तरह से अब मौत की संख्या बढ़ता जा रहा है।उसी शवदाह स्थलों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद भी अंतिम संस्कार में कई-कई घंटे का समय लग रहा है, क्योंकि एक शव के अंतिम संस्कार में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है।

सोमवार को शाम सात बजे तक 80 संक्रमित शव पहुंचे थे जबकि मंगलवार को उसी समय तक यह संख्या 73 रही है। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को सामान्य शवों की तादाद दो गुना बढ़ गई। सोमवार को जहां सामान्य शवों की संख्या शाम सात बजे तक 50 थी वह मंगलवार को वह दो गुनी होकर 100 पहुंच गई। अंतिम संस्कार कार्य से जुड़े कर्मियों ने बताया कि बैकुंठधाम पर सात बजे तक 55 और गुलालाघाट पर 45 शव पहुंचे।

 

नगर निगम प्रशासन की सख्ती के बाद बैकुंठधाम पर लकड़ी की टाल चलाने वाले पंडों ने ऐशबाग से चार ट्रक लकड़ी मंगवाई, जिसके बाद मंगलवार को बैकुंठ धाम पर लकड़ी की किल्लत नहीं रही।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार मंगलवार को राजधानी में कोरोना के 5,382 मामले सामने आए। एक दिन में लखनऊ में पहली बार इतने ज्यादा मामले मिले हैं। संक्रमण के मामलों में तेजी की वजह से सक्रिय केसों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को यह बढ़कर 27,385 पहुंच गई।
मंगलवार को संक्रमित की संख्या सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए पांच हजार के पार पहुंच गई। इससे पहले सोमवार को 3,892, रविवार को 4,444, शनिवार को 4,059 और शुक्रवार को 2,934 मामले मिले थे। संक्रमण के बढ़ते ग्राफ से मरीजों का बुरा हाल है।

लविवि के समाज कार्य विभाग में ड्राइवर इस्तियाक अहमद की कोरोना के चलते मंगलवार को मौत हो गई। वह विवि परिसर में ही रहता था। इससे पहले भी विवि के एक कर्मचारी व दो शिक्षकों का संक्रमण से निधन हो चुका है।
विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान व भौतिक विज्ञान विभाग के शिक्षकों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अब तक विश्वविद्यालय के दो दर्जन से अधिक शिक्षक पॉजिटिव हो चुके हैं।

मंगलवार को कुलपति कैंप कार्यालय में लगे शिविर में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय समेत 30 शिक्षकों व कर्मचारियों ने टीकाकरण कराया। रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह की ओर से सीएमओ को पत्र भेजकर विवि की डिस्पेंसरी में शिक्षक-कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराने की मांग की गई है।
राजधानी में अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है। लोग हेल्पलाइन का नंबर मिला रहे हैं तो वहां भी फोन नहीं उठ रहा है। कोविड कंट्रोल सेंटर के नंबर पर कॉल करने पर पहले तो नंबर वेटिंग बताता है। जब वेटिंग खत्म होने वाला होता है तभी फोन कट जाता है।
लखनऊ समेत यूपी में तेजी से बढ़ते कोरोना के कहर के बीच पहली बार भाजपा की तरफ से ही पंचायत चुनाव टालने की मांग उठी है।
भाजपा सांसद कौशल किशोर ने पंचायत चुनाव को कुछ समय के लिए टालने की मांग की है। कौशल किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि निर्वाचन आयोग से मेरी अपील है कि लखनऊ में कोरोना कंट्रोल से बाहर है। लखनऊ में कई हजार परिवार करोना की चपेट में बुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं। श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि चुनाव जरूरी नहीं है लेकिन लोगों की जान बचाना जरूरी है। इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत के चुनाव को लखनऊ में निर्धारित मतदान की तिथि से एक महीना आगे बढ़ा देना चाहिए।
कौशल किशोर लखनऊ से सटी मोहनलाल गंज से भाजपा के सांसद हैं। वह भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। सांसद ने अपने ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी के साथ ही सीएमओ दफ्तर समेत कई लोगों को टैग किया है।

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