खबर यूपी के अमेठी से है जहाँ मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के कंजास गांव निवासी 65 वर्षीय लोकतंत्र सेनानी हुबलाल पासी का बुधवार को शाम साढ़े पांच बजे आकस्मिक निधन हो गया। निधन की सूचना पर एसडीएम सुनील त्रिवेदी सीओ मनोज यादव तहसीलदार श्रद्धा सिंह व लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण दत्त पाठक आदि लोगों ने उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। अगले दिन दोपहर 3 बजे उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम संस्कार के लिये विदा किया गया।
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प्रशासनिक कार्यशैली पर उठे सवाल
लोकतंत्र सेनानी हुब लाल के अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें राष्ट्रीय ध्वज न दिए जाने पर मौके पर मौजूद लोकतंत्र सेनानी राम मूर्ति तिवारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की ।उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके शव को तिरंगे में न लपेटना गंभीर मामला है ।मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों के साथ ही शासन स्तर पर की जाएगी। इस बाबत जब प्रशासनिक अधिकारियों से फोन पर जानकारी चाही गयी तो फोन ही नहीं उठा।
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आपको बता दें कि उस समय 20 वर्ष की अवस्था वाले हुबलाल पासी पुत्र ननकु 1975 में आपातकाल के दौरान जेल गए थे । तत्कालीन सरकार के विरोध में विपक्ष के आवाहन पर आंदोलन में शामिल होने के चलते गिरफ्तार कर लिए गए थे ।लंबे समय तक जेल में बंद रहे हुब लाल 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद जेल से छूटे थे।
अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट