सिद्धार्थनगर के इटवा तहसील अन्तर्गत स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के शैक्षणिक फार्म पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को काला नमक धान की रोपाई के लिए वैज्ञानिक विधि के तौर तरीक़ों को पैक्टकली बताया गया ।
इस सम्बन्ध में काला नमक धान के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर एवं हेड डॉक्टर एल सी वर्मा ने क्षेत्रीय किसानों को जानकारी देते हुए वैज्ञानिक विधि से कालानमक धान की रोपाई के बारे में विस्तार पूर्वक प्रायोगिक विधि के द्वारा बताया कि काला नमक धान की नर्सरी डालनें में ही विशेष ध्यान की ज़रूरत रहती है क्योंकि धान की नर्सरी के ठीक इक्कीस दिन बाद ही काला नमक धान की रोपाई की जाय ।
मिली जानकारी के अनुसार को-प्रिंसिपल इनवेगेटर डॉ मार्कंडेय सिंह, डॉ प्रदीप कुमार और डॉक्टर एसएन सिंह की देखरेख में यह परियोजना का कार्य हो रहा है। इस सम्बन्ध में डॉ मार्कंडेय सिंह ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि काला नमक धान की रोपाई लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर रखी गई है। डॉक्टर ए. के. सिंह, पूसा नई दिल्ली से काला नमक धान की 10 जर्मप्लाज्म प्राप्त हुआ था जिस पर काला नमक धान की शोध कार्य किया जा रहा है।
बताया जाता है कि कृषि विज्ञान केंद्र सोहना में चल रही इस शोध कार्य से काला नमक धान की उन्नतशील प्रजातियां उत्पन्न की जायेगी जिससे किसानों को अधिक पोषक तत्व एवं अधिक सुगंध से भरपूर धान की वैरायटी प्राप्त होगी और किसान भाई काफ़ी ख़ुशहाल रहेंगे ।
सिद्धार्थनगर से राजेश शास्त्री की रिपोर्ट बी न्यूज