चंदौली
शोएब की रिपोर्ट चंदौली/बी न्यूज़
चंदौली:जिले की क्राइम ब्रांच टीम ने कांशीराम शहरी आवास योजना के घोटाले में शामिल दो सरकारी अफसर व प्रमुख आरोपियों को ताबड़तोड़ कार्रवाई के तहत गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजने की कार्यवाही की।
हालांकि इस दौरान गिरफ्तार किए गए अधिशासी अधिकारी और उपजिलाधिकारी को मीडिया के सामने पेश करने से बचती रही। पूरे दिन कोतवाली के कोतवाल इन दोनों अधिकारियों को वीआईपी ट्रीटमेंट देकर आवोभगत करते रहे।
इतना ही नहीं जब इनको कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया गया तो मीडिया को न तो इनसे बात करने का मौका दिया गया और नहीं उनकी गिरफ्तारी के बारे में पुलिस ने कोई विज्ञप्ति या बयान जारी किया।
चंदौली पुलिस की छोटी सी छोटी खबर को जारी करने वाले चंदौली पुलिस अधीक्षक के पीआरओ साहब दिनभर पूरे मामले पर खामोश रहे और मीडिया कर्मियोंके द्वारा पूछने पर भी किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
आपको बता दें कि चंदौली जिले की क्राइम ब्रांच ने अंबेडकर नगर जिले के भीटी तहसील में तैनात उप जिलाधिकारी सुनील कुमार बरनवाल को कांशी राम आवास योजना के घोटाले में शामिल होने के मामले में सोमवार की रात को गिरफ्तार कर लिया था।
सुनील कुमार बरनवाल की गिरफ्तारी से पूरे प्रशासन में हड़कंप मचा रहा। दिनभर पैरवी के साथ साथ जमानत करवाने वालों के फोन घनघनाते रहे। लेकिन पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट में अपनी पेशी और मिली डांट फटकार के बाद किसी तरह की नरमी नहीं दिखाने का मन बना लिया था।
इसी मामले में एक और आरोपी नगर पंचायत के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद को बलिया जिले के रसड़ा स्थित उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया था।
चंदौली पुलिस की टीम ने उनको रसड़ा स्थित उनके दफ्तर से हिरासत में ले लिया और चंदौली ले आयी। बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर चंदौली के पुलिस कप्तान अंकुर अग्रवाल में क्राइम ब्रांच की टीम बलिया व अंबेडकरनगर में भेजी थी|
इसी के तहत पुलिस की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और चंदौली ले आकर मामले में कार्रवाई करके जेल भेज दिया। आपको बता दें कि घोटाले के समय सुनील कुमार बरनवाल चंदौली जिले में नायब तहसीलदार के रूप में कार्यरत थे और राजेन्द्र प्रसाद अधिशाषी अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे।