सरकार के आदेशों की अवहेलना कर निजी सेवा योजक कर रहे हैं कर्मचारी भविष्य निधि के खातों में की लाखों की हेरा फेरी

समरथ का नहि दोष गोसाईं

उपरोक्त पंक्तियों को चरितार्थ करने वाला एक मामला प्रकाश में आया है एक निजी सेवायोजक का।

मामला जिला फतेहपुर की तहसील बिंदकी का है जहां लॉकडाउन काल में भी कर्मचारियों व शिक्षकों के वेतन से उन कर्मचारियों और शिक्षकों के भविष्य निधि के अंशदान को काटा गया जिनका वेतन 10000 से भी कम था कर्मचारियों व शिक्षकों द्वारा सरकार द्वारा प्रदत्त छूट की बात करने पर सेवा योजक द्वारा यह कहा गया कि शासन द्वारा निर्धारित वेतन क्रम में शिक्षक व कर्मियों का प्रतिशत जो 15000 से ऊपर वेतन पा रहे हैं अधिक है इस कारण उनका अंशदान काटा जा रहा है जबकि संस्था में वास्तविक तौर पर तीन या चार लोग ही ऐसे हैं जिनका वेतनमान 15,000 से अधिक है विसंगतियों की बात करने पर कर्मचारियों को सेवा मुक्त कर दिया गया व दबंग सेवा आयोजक द्वारा यह भी कहा गया कि शासन व सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते । जबकि राज्य सरकार के आदेश थे कि कर्मियों को सेवा से मुक्त न किया जाए। अब उक्त कर्मचारी भविष्य निधि खातों की जमा राशि के उपयुक्त भुगतान हेतु सेवा योजक से गगिड़गिडा रहे हैं पर सेवायोजक ध्यान नहीं दे रहे।

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