सर्प दंश के बाद नदी में बहाया, 15 साल बाद घर आया।

देवरिया

देवरिया से सुशांत सिंह की रिपोर्ट बी.न्यूज

देवरिया के भागलपुर में सर्प डसने के बाद मरा समझकर जिस दस वर्ष के बच्चे को नदी में बहाया गया था| वह पंद्रह साल बाद रविवार को घर पहुंचा। घर पहुंचने के बाद बना जश्न का माहौल।

देवरिया के भागलपुर में मईल थाना क्षेत्र के अंतर्गत जिरासो गांव के मुरासो टोला निवासी रामसुमेर यादव के दस वर्षीय बेटे अंगेश यादव को 15 साल पहले सांप ने डस लिया था। उसके मुंह से झाग निकलने लगा।

परिजनों ने झाड़-फूंक कराई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर डॉक्टर के पास ले गए तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। आखिर में मान्यता के अनुसार केले के तने में रखकर उसे सरयू नदी में बहा दिया। अंगेश यादव ने बताया कि मुझे कुछ मालूम नहीं था। होश आने पर मुझे पता चला पटना के पास एक सपेरे अमन माली ने मुझे झाड़-फूंक कर ठीक कर पाला।

दूर-दूर तक सांप का तमाशा दिखाने ले जाने लगा। कुछ दिन कटिहार में रखा। उसके बाद वह पांच साल पहले उसे अमृतसर ले गया। वहां एक जमींदार के यहां नौकरी पर रख दिया। उससे जो वेतन मिलता अपने लेने लगा।

तीन महीने से वह हमारे ऊपर एक लड़की से शादी करने का दबाव बनाने लगा। इसलिए कि दोनों काम करेंगे और पैसा वह लेगा। 24 फरवरी को अंगेश ने एक ट्रक ड्राइवर को अपनी आपबीती सुनाई। ट्रक ड्राइवर उसे आजमगढ़ लाया। अंगेश ने ट्रक चालक को भागलपुर,बेल्थरा रोड पता बताया तो उसने दूसरे ट्रक से बेल्थरा रोड भेज दिया। बेल्थरा रोड में उसने गांव के कुछ लोगों का नाम बताया।

उसी में किसी परिचित ने जिरासो गांव के प्रधान को फोटो ह्वाट्सएप कर दिया। गांव में चर्चा होने लगी। इसी बीच भूलकर अंगेश बलिया जिले के थाना मनियर चला गया। प्रधान के साथ परिजन बेल्थरा रोड गए और पता लगाते मनियर थाने पहुंचे।

वहां अंगेश यादव ने माता कमलावती देवी और चाची संभलावती देवी को पहचान लिया। शिक्षक, शिक्षिकाओं और पास-पड़ोस के लोगों का नाम बताने लगा। अंगेश को मरा समझकर जिस कपड़े में बहाया गया था।

वह कपड़ा लाल टीशर्ट व काली पैंट भी अपने साथ लाया है। मनियर थाने की पुलिस ने प्रधान की मौजूदगी में सुपुर्दगी लिखवाकर घर भेज दिया। गांव के प्रधान के पति सत्येंद्र यादव ने बताया कि लड़के ने पास-पड़ोस, मित्र, दोस्तों, माता, चाची को पहचान लिया है। सभी लोग संतुष्ट हैं।

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