मध्य प्रदेश
तीसरी लहर के अंदेशे को लेकर प्रशासन हुआ सतर्क
रवि प्रसाद प्रजापति / बी न्यूज़ मध्य प्रदेश
एक बार फिर जिले में बढ़ते कोरोना के एक्टिव केस को देखते हुए तीसरी लहर का अंदेशा डराने लगा है। 6 महीने बाद एक बार फिर एक साथ 7 संक्रमित मरीजों के मिलने से जिले में कोरोना विस्फोट हुआ है। अब यहां कोरोना के एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 11 हो चली है, स्वास्थ विभाग ने गुरुवार देर शाम बुलेटिन जारी कर इसकी जानकारी दी। इससे जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचती नजर आ रही हैं। ऐसे में यदि सख्त फैसले नहीं लिए गए तो कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बन सकता है।
तीसरी लहर के अंदेशे को लेकर प्रशासन हुआ सतर्क
अन्य राज्यों समेत प्रदेश में बढ़ रहे मामलों को लेकर जिला कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने भी कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके तहत सभी प्रकार के मेले एवं जनसमूह के एकत्रित होने पर अब प्रतिबंध रहेगा। साथ ही शादी विवाह के आयोजनों समेत अंतिम संस्कार में भी लोगों की संख्या सीमित कर दी गई है। इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों पर मास्क एवं सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य कर दिया गया है।
सड़कों पर उतर कर पुलिस ने की अपील
जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के बाद एसडीओपी मोरवा राजीव पाठक ने पुलिस बल के साथ गुरुवार देर शाम मोरवा बाजार का पैदल भ्रमण किया। जहां उन्हें लगभग सभी लोग बिना मास्क के घूमते दिखे। आज प्रथम चरण में एसडीओपी समेत सभी पुलिस कर्मियों ने लोगों से कोविड प्रोटोकोल का पालन कर आवश्यक रूप से मास्क लगाने एवं सामाजिक दूरी बनाए रखें की अपील की।
बीते वक्त की यादें डराती हैं
कोरोना की पहली लहर में भले ही सिंगरौली के लोगों ने भयानक हालात नहीं देखे थे। परन्तु इसकी दूसरी लहर ने सभी के जहन में कड़वी यादें जोड़ दी थी। बीते वर्ष दूसरी लहर में मोरवा, जयंत, बैढ़न समेत लगभग सभी कस्बों और गांव तक के हालात बदतर थे। जिला प्रशासन भले ही कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 85 बता रहा परंतु वास्तविक स्थिति से हर कोई वाकिफ है। बीते वर्ष इस बीमारी के कारण कई लोगों ने अपनों को और कईयों ने अपने परिचितों को खोया है। दूसरी लहर में बढ़ते मामलों के कारण कई मोहल्लों व कॉलोनीयों को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया था। इससे लोगों को लंबे समय तक कैद में रहकर काफी मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा था। कई अपने काम से वंचित हो घर पर बैठने को मजबूर थे तो कई परिवारों पर आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ था।
रोख थाम के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता
कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रोम के अंदेशे को देखते हुए जिला प्रशासन ने नए नियम जारी कर दिए परंतु यह नियम फिलहाल कागजों तक सीमित दिखाई देते हैं। यही कारण है कि एनसीएल की परियोजनाओं समेत एनटीपीसी व अन्य औद्योगिक इकाइयों द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण बीते समय में भी कोरोना संक्रमितों के मामले तेजी से इजाफा हुआ था और अभी भी नोटिस जारी कर उन्हें बाहर से आने वाले अपने अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी मात्र मांगी जा रही है जो काफी नहीं दिखती।
कहीं मजबूरन लगाना न पड़े लॉकडाउन
सिंगरौली में एनसीएल, एनटीपीसी समेत कई औद्योगिक इकाइयां मौजूद है। जहां कार्य कर रहे सैकड़ों अधिकारी व कर्मचारियों लगातार अन्य राज्यों का दौरा जारी रखें हैं। ऐसे में जिले में तेजी से कोरोना अपनी रफ्तार पकड़ सकता है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां कार्य कर रहे कई कर्मचारी प्रतिदिन उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले से लगातार आवागमन जारी रखते हैं। देशभर में बिजली आपूर्ति के लिए विषम परिस्थितियों में भी औद्योगिक इकाइयों समेत खदानों में कार्य जारी रखना पड़ता है। जिस कारण नियमों को लागू करना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित होता है। इन परिस्थितियों के बावजूद अभी तक जिले के बस अड्डों समेत रेल मार्ग से आ रहे मुसाफिरों की जांच फिलहाल नहीं की जा रही। यदि यही हाल रहा तो बढ़ते आंकड़ों के साथ कहीं एक बार फिर सिंगरौली के लोगों को लॉकडाउन का सामना न करना पड़े।