चंदौली
शोएब की रिपोर्ट चन्दौली/बी न्यूज़
चंदौली:जिले के अफसरों में ऐसी चर्चा है कि चंदौली जिले की जिलाधिकारी ईशा दुहन ने सरकारी फरमान के तहत सुशासन सप्ताह मनाए जाने के दौरान सरकारी अधिकारियों के साथ एक गोष्ठी का आयोजन करके इस बात की जानकारी दी कि जनता की समस्याओं और सूचना को संज्ञान में लें और उनका तत्काल निस्तारण करें।
इसके लिए आवश्यक है कि जिले के सभी अधिकारी सरकारी नंबरों पर 24 घंटे उपलब्ध रहें।अगर ऐसा आदेश है तो कैसे पालन होगा यह एक चुनौती का विषय है।
ऐसा लगता है कि जिलाधिकारी का यह आदेश अफसर एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दिए होंगे, क्योंकि यह न तो व्यावहारिक है और न ही संभव।
अफसरों व कर्मचारियों का कहना है कि अगर यह पालन कराने लायक कोई आदेश देना ही था तो मैडम को कहना था कि सबेरे 9 से शाम 5 बजे के बीच अधिकारी सरकारी नंबरों पर जनता के लिए उपलब्ध रहें और उनका फोन खुद उठाएं और अगर मीटिंग या किसी अन्य व्यस्तता के कारण न उठा पाएं तो उनको कॉल बैक जरूर करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार ने अधिकारियों को यह सुविधा इसीलिए दी है कि अगर जनता किसी बात और समस्या को अधिकारियों के संज्ञान में लाना चाहती है, तो तत्काल सरकारी नंबरों पर संपर्क कर सकें।
आपको बता दें कि चंदौली जनपद के बहुत सारे अधिकारी जिला मुख्यालय पर नहीं रहते हैं और कुछ अधिकारी तो जिले के बाहर रहते हैं। ऐसे में जिलाधिकारी का यह आदेश कितना पालन किया जाएगा..या अन्य आदेशों की तरह हवा हवाई हो जाएगा।
इसका पालन करना व कराना जिलाधिकारी के लिए एक चुनौती भरा कार्य होगा। इतना ही नहीं चंदौली जिला मुख्यालय पर रहने वाले कई आला अधिकारी खुद जनता के फोन नहीं उठाते।
अगर जिलाधिकारी साहिबा और पुलिस कप्तान खुद फोन उठाने लगें तो हो सकता है कि अन्य अधिकारी भी इसका पालन करें।चंदौली जिले के पत्रकार, अधिवक्ता या पीड़ित फरियादियों की आम शिकायत रहती है कि सरकारी नंबरों पर डीएम व एसपी साहब से सीधे बात नहीं हो पाती है।
किसी खास नेता, पत्रकार या अफसर के फोन सीधे तौर पर ये लोग उठाते हों तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कई बार चंदौली जिले के आम लोग जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को फोन मिलाकर अपनी टूटी फूटी भाषा में अपनी फरियाद करना चाहते हैं तो अक्सर उनका फोन नहीं उठता है और न ही साहब लोग कॉल बैक करते हैं।
पुलिस कप्तान साहब का फोन पीआरओ साहब उठाते हैं और 90 प्रतिशत मामले कप्तान की तरह खुद ही निपटाने के अंदाज में बात करके भूल जाते हैं और अगर कोई साहब से बात करने पर अड़ जाए तो उसे ऑफिस में आकर मिलने या अपर पुलिस अधीक्षक या सीओ साहब लोगों से मिलने को कहकर टरका देते हैं।