रोचक-बाते
रोचक-बाते बी.न्यूज़ के साथ
बचपन में आपने खूब मुहाबरे पढ़े होंगे इन मुहावरों में आपने “आग में घी डालने”वाला मुहावरा जरूर पढ़ा होगा| ये बात आप सभी जानते हैं कि आग अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चीज को भस्म कर सकती हैं| और जब यह किसी ज्वलनशील वस्तु जैसे कि “घी” या किसी भी ईंधन से मिलती हैं| तो यह कई गुणा ज्यादा खतरनाक हो जाती हैं|
हालांकि अच्छी बात यह हैं कि ज्यादातर आग को पानी के इस्तेमाल से बुझाया जा सकता हैं| लेकिन हम जिस आग की बात करने जा रहे हैं उसे आजतक न पानी बुझा सकी और न हवा और न ही तूफ़ान|
आप को बतादें की हम यहाँ बदले की आग की बात नहीं कर रहे हैं| ये बात हो रही है अजरबैजान के एक पहाड़ में 4000 सालों से लगी आग की|
4000 सालो से लगी हैं आग
क्या आप जानते हैं अजरबैजान में पिछले 4000 साल से लगातार आग जल रही हैं| इस आग को न तो पानी बुझा सकी और न ही हवा बुझा सकी ठंढी हवा का झोका भी इस आग का कुछ नहीं कर सकी|
इस आग के कारण ही अजरबैजान को “लैंड ऑफ फायर” के नाम से जाना जाता हैं| यही वजह है इस आग को देखने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोग अजरबैजान पहुंचते हैं|
आग को देखने के लिए आते हैं पर्यटक
आप को बतादें कि ये एक छोटी सी पहाड़ी हैं जहा लगातार आग जल रही हैं| इस पहाड़ी को स्थानीय भाषा में यानर डाग कहा जाता हैं| जिसका अर्थ जलती हुई पहाड़ी होती हैं|
यह आग पहाड़ी की तलहटी में 10 मीटर के इलाके में लगी हुई हैं| यह पहाड़ी अजरबैजान के अबशेरेन प्रायद्वीप में स्थित हैं| देश-विदेश से हर साल लाखो लोग इस आग को देखने के लिए पहुंचते हैं|
इस वजह से जलती हैं आग
अब आप ये सोच रहे होंगे की ये आग यहाँ जल कैसे रही हैं| बतादें की अजरबैजान में प्राकृतिक गैस के बडे भण्डार हैं| भण्डार के साथ साथ जमीन से गैस लीक होने लगती हैं| जो हवा के साथ संपर्क में आती हैं| और आग लग जाती हैं| ऐसा अजरबैजान के कई इलाको में होता रहता हैं|
इस वजह से ही अजरबैजान का नाम “लैंड ऑफ फायर” पड़ा| कई इलाको में अपने आप बुझ चुकी हैं आग अजरबैजान के कई इलाको में ऐसा भी देखने को मिला हैं| जब सतह पर रिसी गैस समाप्त हो जाती हैं| तब लगी आग अपने आप बुझ जाती हैं| लेकिन यनार डैग के मामले में ऐसा अब तक नहीं हुआ हैं|
यनार डैग उन कुछ इलाको में से एक हैं जहां प्राकृतिक गैस का रिसाव अभी भी जारी हैं| इस वजह से यह जगह दुनिया भर के लोगों का अपनी तरफ ध्यान खींच रही हैं| साथ ही लोग इससे भयभीत रहते हैं| 13वीं सदी में इस देश में गए थे मार्को पोलो इस जगह की रहस्यमय घटनाओं का जिक्र प्रसिद्ध खोजकर्ता मार्को पोलो ने भी किया हैं|
वो 13वीं सदी में इस देश में आये थे| वहीं दूसरे अन्य सिल्क व्यापारियों ने भी आग की लपटों का जिक्र किया जो अजरबैजान के रास्ते दूसरे देश की यात्रा करते थे| उस समय अजरबैजान की पहचान “आग के देश” के तौर पर थी|
उस समय किसी को अजरबैजान की जमींन के नीचे छिपी प्राकृतिक गैस के बारे में जानकारी नहीं थी| तब लोग इसे एक रहस्यमयी घटना मानते थे|