चंदौली
शोएब की रिपोर्ट चंदौली/बी.न्यूज़
चंदौली: नौगढ़ मे जहां एक तरफ सरकार हर गरीबों को छत उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है वहीं दूसरी तरफ शासन में बैठे भ्रष्ट जन प्रतिनिधि व अधिकारी ही शासन की उन योजनाओं का पलीता जला रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं नौगढ़ के 13 गरीब वनवासीयों की जिन्हे अब तक आवास का पैसा तो नहीं मिल सका लेकिन स्थानीय प्रधान व थाने को जिल्लत खूब उठानी पड़ी, एक बार तो उन्हे ऐसा लगा जैसे उन्होंने आवास के लिए आवेदन करके ही पाप कर दिया हो।
दरअसल पूरा मामला नौगढ़ विकास खंड क्षेत्र के गंगापुर गांव का है जहां 13 आदिवासियों ने पीएम आवास के लिए आवेदन किया। लाभार्थियों का कहना है कि वर्ष 2020-21 में हम 13 वनवासियों के खाते में पीएम आवास योजना के तहत आवास निर्माण के लिए 44 – 44000 की पहली किश्त आई।
आवास की पहली किश्त आने पर गांव के प्रधान फुलगन खरवार ने हम सभी से कहा की हम तुम सभी लोगों का बालू, सिमेन्ट, छड़ गिट्टी आदि बिल्डिंग मैटेरियल का सामान हम गिरवा देंगे यह कह कर खाते से पैसा निकलवा कर ले लिया और प्रधान लापता हो गया जिस पर हमने इसकी शिकायत स्थानीय थाने पर की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
13 आदिवासियों पर ही दर्ज हो गया मुकदमा पैसा नहीं मिलने पर,न थाने पर कोई सुनवाई होने पर आदिवासी वापस अपने दो जून की रोटी जुटाने की जरुरत में लग गए। कुछ समय बीता तो उल्टा आदिवासियों के खिलाफ ही थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया कि इन्होंने आवास की किश्त लेकर भी मकान निर्माण नहीं कराया।
बीडीओ साहब की तरफ से यह मुकदमा दर्ज कराया गया। मुकदमे से डरे सहमे आदिवासियों ने कर्ज आदि लेकर मकान का निर्माण शुरू कराया। लेकिन गरीबी के कारण 13 में से सिर्फ 4 लाभार्थी ही आवास को पूर्ण करा पाए।
योगेंद्र कुमार सिंह योगी की मेहनत रंग लाई इतना सब कुछ होने के बाद अचानक एक दिन यह मामला मानवाधिकार सीडब्ल्यूए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह योगी के संज्ञान में आया जिस पर उन्होंने प्रधान के ऊपर वैधानिक कार्यवाही करने और सरकारी धन की रिकवरी करने हेतु राष्ट्रीय मनावधिकार आयोग में शिकायत भेजा।
योगेंद्र सिंह योगी ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने 18 नवंबर 2021 को जिलाधिकारी चंदौली से रिपोर्ट मांगी उसके बावजूद उनको कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। योगेंद्र सिंह ने आगे बताया कि आयोग ने 25 नवंबर को जिलाधिकारी चंदौली को इस मामले मे अंतिम बार रिमाइंडर भेजा।
आयोग के सख्त निर्देश के बाद 15 दिसंबर 2022 को पूर्व प्रधान फुलगन खरवार के खिलाफ चकरघट्टा थाने में एफआईआर दर्ज करवाकर प्रशासन आगे की कारवाई में जुटा है।