न्याय के मंदिर में गरीबों के साथ होता है अन्याय

कानपुर

अंकित त्रिपाठी बी न्यूज़

कानपुर के घाटमपुर एसडीम कोर्ट के पैरोकार उमेश कुमार यादव का घूस लेते हुए वीडियो हुआ वायरल शांति भंग करने की धाराओं में जमानत देने के नाम पर उनसे घूस की मांग करते थे घूस ना देने पर लोगों को जेल में जाने की धमकी देते थे और घूस देने वालों को जमानत प्राप्त होती थी और गरीब व्यक्ति को जेल जाना पड़ता था।
कोर्ट में भ्रष्टाचार की जड़ लंबे समय से पैर पसार चुकी है कुछ वकीलों से जब बात की गई तब उन्होंने नाम को न बताने की शर्त पर बताया कि न्यायालय भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुका है गरीब लोगों को परेशान किया जाता है तारीख लेने के लिए लोगों से पैसे लिए जाते हैं यदि ना दिया जाए तो लंबी लंबी तारीखे लगाई जाती हैं लोगों अपनी गवाही दर्ज करवाने के लिए सरकारी वकील पैसों की डिमांड करते हैं पैसे ना देने पर कई बार न्यायालय के चक्कर लगाए जाते हैं और तारीख पे तारीख लगाकर गरीब लोगों को परेशान किया जाता है।
कानून समाज को सुधारने के लिए बनाए जाते हैं जिससे लोगों को सहूलियत हो सके और कुछ भ्रष्टाचार युक्त लोगों के कारण उन नियमों का गलत उपयोग किया जा रहा है यह लोग बेखौफ इसलिए हैं क्योंकि कोर्ट के अंदर वीडियो बनाने की अनुमति नहीं होती है इसलिए यह लोग बेखौफ कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं जिससे आम जनमानस मैं आक्रोश व्याप्त है एक गंदी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है उसी तरह से न्याय के मंदिर को भ्रष्टाचार ने अन्याय का मंदिर बना दिया है।

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