सीएम योगी ने बताया- कैसे इंवेस्टर्स हुए UP में निवेश के लिए हुए तैयार; पढ़ें पूरा इंटरव्यू

लखनऊ

लखनऊ से राहुल की रिपोर्ट बी.न्यूज़

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में अपनी पूरी टीम के साथ जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर दैनिक जागरण के उत्तर प्रदेश संपादक आशुतोष शुक्ल और उप्र ब्यूरो प्रमुख अजय जायसवाल से विस्तृत बातचीत की-

10 11 व 12 फरवरी को राजधानी लखनऊ में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में अपनी पूरी टीम के साथ जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मानते हैं कि इस आयोजन से प्रदेश में आर्थिक क्रांति की शुरुआत होगी और सरकार ने इसके लिए पूरे मनोयोग से धरातल तैयार कर लिया है। वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की दृष्टि बदली है और इसे हम सभी ने देश-विदेश में हुए रोड शो के दौरान महसूस किया और इसी कारण से हमारे साथ उम्मीद से अधिक निवेशक जुड़ने के लिए तैयार हैं।

विपक्षी दलों की आलोचनाओं की परवाह किए बगैर योगी कहते हैं कि सभी जानते हैं कि वर्ष 2017 के पहले प्रदेश का क्या हाल था। आज कानून का राज है और अपराधियों के हौसले पस्त हैं। हम भाई-भतीजावाद में नहीं, समग्र विकास में विश्वास रखते हैं और इसीलिए बुंदेलखंड और पूर्वांचल के जिलों तक उद्योगपति पहुंच रहे हैं। अपने सरकारी आवास पर दैनिक जागरण के उत्तर प्रदेश संपादक आशुतोष शुक्ल और उप्र ब्यूरो प्रमुख अजय जायसवाल से मुख्यमंत्री ने विस्तृत बातचीत की

कभी बीमारू राज्य कहलाने वाले यूपी में अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआइएस) और जी20 सम्मेलन होने जा रहे हैं। अपने छह वर्ष के कार्यकाल में यूपी की छवि में आए बदलाव को आप कैसे देखते हैं?

डबल इंजन की सरकार ने पिछले 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश में सुशासन का माडल दिया है। पहले की सरकारें भाई-भतीजावाद, परिवारवाद और जातिवाद के चलते प्रदेश के विकास के बारे में सोचती भी नहीं थी। वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हमने कानून व्यवस्था सुधारने के साथ ही सुनियोजित तरीके से प्रदेश के विकास के बारे में बड़े पैमाने पर काम किया। बेहतर पुलिसिंग के माध्यम से प्रदेश की जनता को सुरक्षित परिवेश प्रदान कर सांप्रदायिक एवं जातिगत सौहार्द कायम रखा गया। प्रदेश दंगा मुक्त रहा जबकि बसपा सरकार में 364 दंगे और पूर्व की अखिलेश सरकार में 700 से ज्यादा दंगे हुए थे।

GIS के जरिए 17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश को सुनिश्चित करने के पीछे आपकी क्या रणनीति रही?

CM Yogi: 10 फरवरी से तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने से पहले हमने 25 अलग-अलग सेक्टर की नीतियों को नए सिरे से बनाया है। हमारी सभी नीतियां दूसरों से बेहतर और व्यावहारिक हैं। हमारी टीम ने दुनिया के 16 देश और आठ शहरों में रोड शो आदि किए। यही कारण है कि सभी सेक्टर में 17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। ये प्रस्ताव बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों का परसेप्शन बदला है।

आज उत्तर प्रदेश में बड़ी-बड़ी कंपनियां निवेश करना चाहती है। वैसे तो वर्ष 2020-21 में ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने की तैयारी थी लेकिन कोरोना के प्रभाव के चलते तब नहीं किया जा सका। अब पूरी तैयारी के साथ समिट करने के बेहद सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

वर्ष 2017 में सत्ता संभालने के एक वर्ष के अंदर फरवरी 2018 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में करीब एक हजार कंपनियों से 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार हुए थे। इनमें से अब तक कितने जमीन पर उतरे। निवेश और रोजगार सृजन की दृष्टि से पिछली इन्वेस्टर्स समिट कितनी लाभकारी रही?

प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार से देश-दुनिया में यूपी के प्रति धारणा बदली तो निवेश की नई राह खुली। सरकार बनाने के एक वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले ही फरवरी 2018 में समिट आयोजित करने के बाद हमने तीन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की। इनमें से दो सेरेमनी तो कोरोना काल के पहले हुई थी। मैं कह सकता हूं कि लगभग चार लाख करोड़ रुपये के 80 प्रतिशत से ज्यादा एमओयू धरातल पर उतर चुके हैं। इससे दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिला।

यूपी की कानून व्यवस्था सदैव बड़ा मुद्दा रही है। क्या मानते हैं कि पूर्व में खराब कानून व्यवस्था के चलते ही उद्योगपति यूपी में निवेश को आगे नहीं आते थे। उद्योगों व उनके कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कोई अलग से व्यवस्था प्रस्तावित है?

हमने अपने संकल्प पत्र में अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की बात कही थी जिसे हमने पूरा भी किया है। चूंकि विकास की बुनियादी शर्त सुरक्षा और कानून का राज है इसलिए हमने दोनों के ही उच्च मापदंड प्रस्तुत किए हैं। प्रत्येक नागरिक से लेकर हर एक निवेशक और उसके निवेश की हर प्रकार से सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्रतिबद्धता है। इससे यूपी के प्रति पूरी दुनिया की धारणा बदली है। निवेशकों का शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। हमने राज्य के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों आदि की सुरक्षा व्यवस्था प्रोफेशनल तरीके से सुनिश्चित किये जाने के लिए अलग से उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल) नाम से नए सुरक्षा बल का गठन किया है। ईप्रासीक्यूशन प्रणाली के उपयोग में भी आज उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।

निवेशकों को सुविधाएं देने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं ?

सबसे पहले उद्योगों की सुगमता के लिए 241 रेगुलेटरी कंप्लायंस बर्डन कम किए गए हैं। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत निवेशकों के लिए डिजिटल सिंगल विंडो पोर्टल द्वारा निवेश मित्र योजना चलाई जा रही है। इसके माध्यम से 362 से अधिक आनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। आज स्थिति यह है कि ईज आफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश अचीवर्स राज्य बन गया है। हमने कोरोना के दौरान भी उद्योगों को बंद नहीं होने दिया।

सपा सहित विपक्षी दल इन्वेस्टर्स समिट पर सवाल उठाते हुए इसे धोखा और कुछ खास बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला आयोजन बता रहे हैं। वह कहते हैं कि एमओयू पर हस्ताक्षर का मतलब निवेश आना नहीं है?

आप जानते हैं कि वर्ष 2017 से पहले यूपी की कानून व्यवस्था का क्या हाल था? कोई भी यूपी में निवेश करने के लिए आना ही नहीं चाहता था। निवेश के नाम पर जिसे इन्वेस्टर्स समिट कहा जाता था वह दरअसल रोड शो से ज्यादा कुछ नहीं होता था। हमने न केवल उद्यमियों के साथ एमओयू किए बल्कि उन्हें धरातल पर उतारना भी सुनिश्चित किया है। हम जो कर रहे हैं उसे जनता देख रही है।

आपने पुलिस रिफार्म के तहत अहम निर्णय किए हैं। पुलिस भर्ती, आधुनिकीकरण, अवस्थापना सुविधाओं के साथ ही कमिश्नरेट प्रणाली लागू की है?

कानून व्यवस्था पर नियंत्रण हमारी शुरू से ही प्राथमिकता रही है और इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। हमने सुनिश्चित किया है कि पुलिस विभाग के पास संसाधनों की कमी न होने पाए। हमने बिना भेदभाव के पुलिस भर्ती की। पहले की सरकारों में किस तरह के मामले सामने आते थे, यह सबने देखा ही है।

महिलाओं को सुरक्षा के साथ स्वावलंबी बनाने की दिशा में आपकी भविष्य की क्या योजनाएं हैं?

हमारी सरकार महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के उद्देश्य से मिशन शक्ति अभियान चला रही है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए तीन महिला बटालियन आदि का गठऩ किया गया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट से साफ है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सजा दिलाने में 59.1 प्रतिशत की दर से प्रदेश फिर देश में पहले पायदान पर है।

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