उन्नाव
उन्नाव से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़
हमने तेरी मेहरबानिया जैसी फिल्मो मे ही ऐसी भावुक कर देने वाली तस्वीरे देखी थी लेकिन इस घटना ने कुत्ते की स्वामी भक्ति को रियल मे दिखा दिया।कुत्ते की वफादारी छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में रहने वाले ओमप्रकाश अवस्थी के पालतू कुत्ते ने, जिसने उनकी मौत के बाद भी उनका साथ नही छोड़ा और वफादारी ऐसी निभाई कि अंतिम संस्कार के बाद भी परिवार के साथ मुक्तिधाम से वापस नहीं लौटा|
उनका कालू (पालतू कुत्ता) अर्थी के पास बैठा रहा और सोमवार की दोपहर शव वाहन में जैसे ही शव रखा गया तो कालू जोर-जोर से रोने लगा. रोकने की तमाम कोशिशों के बाद भी वह कूदकर शव वाहन में चढ़ गया और अर्थी के पास बैठ गया|
मालिक के लिए एक बेजुबान का प्रेम देख लोगों की आंखें भर आईं. कालू अपने मालिक की अर्थी के साथ मुक्तिधाम तक गया.दिवंगत ओमप्रकाश अवस्थी ने दस साल पहले इस कुत्ते को पाल कर उसे कालू नाम दिया था. कालू हर वक्त अपने मालिक के साथ ही रहता था|
मुक्तिधाम से कालू को लाने के लिए पूरी कोशिश की गई लेकिन वह नहीं आया और जहां दाह संस्कार किया गया कालू वहीं बैठा रह गया. जिसके बाद मंगलवार की सुबह उसे जबरदस्ती कर वापस घर लाया गया।