भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं द्वारा संत शिरोमणि रविदास जी की 647 वी जयंती पर निकाली शोभायात्रा

हमीरपुर

हमीरपुर से रऊफ उददीन की रिपोर्ट बी न्यूज़

प्रत्येक वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन संत रविदास जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस वर्ष रविदास जयंती 5 फरवरी के दिन भीम आर्मी के कार्यकर्ताओ और दलित समाज के लोगो ने बड़े ही धूम धाम के साथ नगर मौदहा मे निकाली शोभा यात्रा।

शोभा यात्रा के दौरान बहुत से लोग हाथ मे तिरंगा और डां भीमराव अम्बेडकर का झंडा लहराते हुए झूमते गाते बहुत से खुश नजर आये और शोभायात्रा में रिक्शा के ऊपर कई संतो, महापुरुषों की फोटो देखने को मिली।

यह शोभायात्रा भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के द्वारा शोभा यात्रा का शुभारंभ मलिकुआ चौराहा के पास बांदा बस स्टैंड से शुरू होकर पूर्वी तरौस से निकलकर चमरोडा, देवी चौराहा, नेशनल चौराहा, थाना चौराहा से होकर पुनः अपने स्थान पर समाप्त हई।

भीम आर्मी के जिला संयोजक संदीप वाल्मीकि ने बताया कि संत रविदास की जन्म तिथि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ इतिहासकार संत रविदास का जन्म सन 1398ई में बताते हैं तो कुछ सन 1482ई बताते हैं।

संत रविदास कृष्णभक्त मीराबाई के गुरु थे और उनके द्वारा दी गई शिक्षा ही मीरा ने कृष्ण भक्ति का मार्ग अपनाया था। संत रविदास की भक्ति भावना और प्रतीभा को देखकर स्वामी रानानंद ने उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार किया था।

संत रविदास जी ने कई दोहे और भजन की रचना की थी, जिनमें उन्होंने ईश्वर का गुणगान किया था। साथ ही यह भी बताया था कि व्यक्ति को किन कर्मों से ईश्वर के चरणों में स्थान मिलता है। संत रविदास के अनमोल विचार

रविदास जी ने बताया है। की निर्मल और शुद्ध मन में ही भगवान का वास होता है। आपके मन में यदि किसी के प्रति दुर्भावना नहीं है।तो मन ही आपका मंदिर के समान है। जिसमें शोभायात्रा में महिलाये भी शामिल रही|

भीम आर्मी के जिला संयोजक संदीप वाल्मीकि,अनिकेत सूर्यवंशी ,रॉकी वाल्मीकि,मोहित, माही ,सोनू ,शेखर ,गौतम ,अउआ लालजी अन्य सैकड़ों लोग मौजूद रहे। और पुलिस प्रशासन की भी मौजूदगी रही।

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