बासुकिनाथ में महाशिवरात्रि पर्व पर उमड़ पड़ा शिव भक्तों का सैलाब |

झारखण्ड

झारखण्ड से अभिषेक सिंह की रिपोर्ट बी.न्यूज़

फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महादेव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक पर्व महाशिवरात्रि का त्योहार बासुकीनाथ धाम में धूमधाम से मनाई गई। अहले सुबह मंदिर का पट खुलते ही शिव भक्तों की लंबी कतार फौजदारी नाथ के दर्शन पूजन के लिए उमड़ पड़े।

पक्षियों के कलरव के बीच शिव भक्तों के जयघोष से धार्मिक नगरी बासुकीनाथ गुंजित हो रहा था। सर्वत्र शिवमय वातावरण से दिनभर आस्था की अविरल धारा शिव नगरी में प्रवाहित होती रही। मानो भगवान भोलेनाथ के निराकार से साकार रूप में प्रकटीकरण का दीदार करने के संसार के समस्त शिव भक्त बासुकीनाथ खींचे चले आए हो।

इस दौरान भारी तादाद में झारखंड,बिहार,पश्चिम बंगाल उड़ीसा,उत्तर प्रदेश के शिव भक्त महाशिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने के लिए बासुकीनाथ पहुंचे हुए थे। देर शाम मंदिर का पट बंद होने तक लगभग सवा लाख श्रद्धालु जल चढ़ा चुके थे। उधर ब्रह्म मुहूर्त की बेला से ही उपायुक्त रविशंकर शुक्ला एवं पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा के निर्देशन में प्रशासनिक अमला विधि व्यवस्था बनाए रखने की कवायद में लगे हुए थे।

श्रद्धालुओं को सुगमता पूर्वक पूजा-पाठ कराने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों मंदिर परिसर में तैनाती की गई थी। इसके अलावा वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर गेट पर बासुकीनाथ न्यास समिति की तरफ से 300 रुपए का शीघ्र दर्शनम कूपन की बिक्री की जा रही थी। मंदिर के गर्भगृह की गतिविधियों एवं असामाजिक तत्वों पर निगाह बनाए रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा की मदद ली जा रही थी।

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस चिकित्सा सहायता शिविर एवं अग्निशामक वाहन की व्यवस्था प्रशासनिक एजेंसियों द्वारा की गई थी। मेला क्षेत्र में शांति एवं ट्रैफिक व्यवस्था सुनिश्चित बनाए जाने को लेकर मजिस्ट्रेट की अगुवाई में पुलिस बल मुस्तैद देखे गए। वही नगर पंचायत बासुकिनाथ की ओर से श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छता पेयजल वअन्य बुनियादी सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया था।

बारह ज्योतिर्लिंगों के प्रकट होने की खुशी में मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि हिंदू धर्मावलंबियों के लिए विशेष स्थान रखता है। यह पर्व हमें काम क्रोध मोह लोभ मत्सर आदि दुर्गुणों से दूर परम सुख शांति एवं ऐश्वर्य प्रदान करने वाला होता है । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। भगवान भोलेनाथ वैराग्य छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किए थे ।

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