सुल्तानपुर
सुल्तानपुर से सुशान्त सिंह की रिपोर्ट बी न्यूज़
अयोध्या- शाहगंज परसौली ढेमा वैश्य में श्रीधाम अयोध्या से पधारे परम पूज्य स्वामी गजानंद शास्त्री जी महराज ने सप्तम दिवस की कथा में सुदामा चरित्र और परिक्षित मोक्ष की कथा को सुनाते हुए कहा कि भगवान अपने भक्त का साथ कभी नहीं छोड़ते,
जो मनुष्य प्रभु की शरण में जाता है भक्ति करता है भगवान उसको अपना परम धाम प्रदान करते हैं, व्यास जी ने कहा कि संसार के मनुष्यों को भोजन से ज्यादा भजन करते रहना चाहिए, कोटिं त्यक्तवा हरिं भजेत,, अर्थात करोंड़ों काम को छोड़कर भजन करना चाहिए।
क्योंकि सुस्वादु युक्त भोजन और व्यंजन पाने से प्रभु में मन नहीं लगता ये भजन में बाधा उत्पन्न करते हैं जीवन में मित्रता हो तो तो कृष्ण और सुदामा जैसी हमें चाहिए कि अपने मित्र के दुःख को पहाड़ के सामान समझना चाहिए और उसकी मदद करना चाहिए,कथा के मध्य में श्री दुर्गा धाम अगई के महन्त श्री अशोक कुमार मिश्र जी व सुप्रसिद्ध कथा वाचक श्री कृष्णा जी महराज का भी आगमन हुआ सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थिति रहे।
मुख्य यजमान-श्री राम करन पाठक व श्रीमती ज्ञानमती पाठक तथा राम मिलन पाठक राजकरन पाठक अंगद पंकज सतेन्द्र उपेन्द्र प्रदीप सुरेंद्र दीपक ओमप्रकाश पांडेय राजकुमार ज्ञानेंद्र देवशंकर, राम प्रताप पांडेय, रंजीत तिवारी, उमेश तिवारी, राम छवि यादव, सचिव कृष्ण मोहन श्रीवास्तव जी आदि भक्त मौजूद रहे।