पाकिस्तान ने हाफिज सईद को 10 साल के लिए गिरफ्तार कर लिया है।
यह हाफिज सईद की कोई पहली बार गिरफ्तारी नहीं की गई है ऐसा कई बार किया जा चुका है।
जब भी पाकिस्तान पर पूरे विश्व की ओर से दबाव बनता है तो ऐसे ही किसी आतंकवादी को गिरफ्तार करके उसे अपनी जेल में डाल देता है और दुनिया के सामने यह दिखाता है कि वह सुधारने की कोशिश कर रहा है।
पर फिर कुछ ही दिनों में वे फिर से आजाद जाते हो हैं और फिर घूमने लगते हैं अब इस बार देखना होगा कि हाफिज सईद की गिरफ्तारी से पाकिस्तान को क्या-क्या फायदे होते।
कौन है यह हाफिज सईद?
हाफिज सईद एक आतंकवादी है जो कि भारत में होने वाले कई मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड भी है
यह पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है।
जब लश्कर-ए-तैयबा को एक आतंकवादी संगठन के तौर पर विश्व में बैन कर दिया गया उसके बाद इसने एक अपना संस्था खोल ली।
जिसका नाम JAMAT-UD-DA’WAH है।
जिसके तहत ही कहता है कि पाकिस्तान में इसने कई सारे सामाजिक कार्य किए।
उसका मानना है कि जमात-उद-दावा सामाजिक सेवा के कार्य करने के लिए पाकिस्तान में बनाया गया है।
यहां इसकी 300 से ज्यादा मदरसे और स्कूल चलाया जाते हैं।
इसके पास 50,000 से ज्यादा स्वयंसेवक और सैकड़ों वेतन भोगी कर्मचारी है।
2014 मैंअमेरिका ने जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगा दिया।
क्योंकि उन्हें लगता था कि जमात उल दावा एक आतंकवादी संगठन है।
इसके साथ ही यूएन ने लश्कर-ए-तैयबा को 2008 में ही प्रतिबंधित कर दिया था।
हाफिज सईद के भारत के खिलाफ कई मामले हैं।
आतंकवाद निरोधी अदालत ने जमात उल दावा हाफिज सईद को 10 साल कैद की सजा सुनाई है कोर्ट ने सईद की संपत्ति को भी जप्त करने का निर्देश दिया है और एक दशमलव ₹100000 का जुर्माना भी लगाया है शहीद के दो साथी जफर इकबाल और यह मुजाहिद को साढे 10 साल की सजा दी गई है जहां अब्दुल रहमान मक्की का भी 6 महीने जेल की सजा सुना दी गई।
काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने जमात-उद-दावा के खिलाफ 41 केस दर्ज की है जिनमें से 24 का फैसला भी आ चुका है बाकी सभी के सभी अदालत में निलंबित है।
साहित्य खिलाफ 4 मामले पर अभी फैसला आ चुका है।
आज से 6 महीने पहले फरवरी 2020 में भी सईद की गिरफ्तारी की गई
लेकिन फिर रिहा होकर घूमने लगा।
यह कोई नहीं जानता कि यह कितनी बार गिरफ्तार होता है और कितनी बार दिया होता है।
इस बार देखना होगा कि एटीएस के दबाव में पाकिस्तान से कितने दिन अपनी पांच सितारा जेल में रखता है।
क्या है FATF ?
F A T F को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के नाम से जाना जाता है।
इसकी स्थापना जी 7 सदस्यों ने की थी।
इसका हेड क्वार्टर पेरिस में है।
इसकी स्थापना वर्ष 1989 मैं हुई।
इसमें कुल 3 तरह की लिस्ट होती है।
- Blacklist
- Grey list
- Whitelist
ब्लैक लिस्ट में विदेश आते हैं जिनमें कोई भी बाहरी बैंक या संस्थान निवेश नहीं करती है।
जिसमें अभी तक ईरान और नॉर्थ कोरिया है।
उसके बाद ग्रेलिस्ट आती है।
ग्रे लिस्ट में विदेश होते हैं जिनमें कोई विदेशी संस्थान कहीं शर्तों और समस्याओं के बाद कुछ पैसा ही निवेश करती है।
जैसे कि पाकिस्तान है जो कि ग्रे लिस्ट में है।
वाइट लिस्ट में विदिशा थे जिसमें कोई भी संस्थान आराम से अपने पैसे को निवेश कर सकती है जहां किसी भी तरह के आतंकवादी घटनाओं तथा मनी लॉन्ड्रिंग जैसी घटनाओं के केस नहीं होते।
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में लाने के लिए 39 सदस्यों की सहमति जरूरी है।
परंतु चाइना मलेशिया और टर्की ने अपनी वीटो पावर की तहत पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में जाने से बचा लिया है।
पाकिस्तान वाइट लिस्ट में जाए इसके लिए भी किन्ही भी 12 देशों ने इसका समर्थन नहीं किया।
एफ ए पीएफ ने पाकिस्तान को कुल 27 टास्क दिए जिन्हें पूरा करके पाकिस्तान वाइटलिस्ट में आ सकता है।
हाफिज सईद की गिरफ्तारी भी इन्हीं टास्को में से एक है।
अब देखना होगा कि हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान वाइट लिस्ट में आता है या नहीं