पत्रकार जमीनी हकीकत से जुड़कर मजबूती के साथ अपने कर्तव्य का पालन करे व गरीबो की मदद करे |

उन्नाव

उन्नाव से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

आज के समाज को पत्रकारिता के भरोसे की शख्त जरूरत है।इसलिए पत्रकार समाज को अपने कर्तव्य से नहीं भटकना चाहिए। अगर पत्रकार अपने कर्तव्य से भटक रहा है माना जायेगा कि वह अधर्म के मार्ग पर चल रहा है।

पत्रकार राजेन्द्र कसेरा ने कहा समय कि मांग है कि पत्रकार जमीनी हकीकत से जुड़कर मजबूती के साथ अपने कर्तव्य का पालन करे। उन्होंने भाषा के मुद्दे पर चर्चा करते हुए संयमित भाषा का प्रयोग करते हुए देश और समाज का मार्ग दर्शन पत्रकार को करने की जरूरत है ।

अन्यथा कार्यपालिका विधायिका दोनो निरंकुश हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पत्रकार को आगे और भी संघर्ष करना पड़ सकता है । लेकिन भविष्य में फिर एक बार प्रिन्ट मीडिया का जमाना आयेगा ऐसा हमारा मानना है। उन्होंने बड़ी ही बेबाकी के साथ कहा कि कही न कही मीडिया की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। लेकिन मीडिया को अपने कर्तव्य मार्ग से नहीं भटकना चाहिए।

जर्नलिस्ट अमित रावत जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और शोसल मीडिया तत्काल खबरे भले ही दिखा दे लेकिन जब तक प्रिन्ट मीडिया यानी अखबार में खबर न देखा जाये विश्वास नहीं होता है। उन्होने आज की पत्रकारिता में भाषा के प्रयोग पर सवाल खड़ा करते हुए कहा खबर छपती है दो बच्चो की मां फुर्र यह फुर्र शब्द बिगड़ी भाषा है।

इस लिए पत्रकार को भाषा और कानून का ज्ञान होना चाहिए। कानून का ज्ञान न होने के अभाव में धोखा हो सकता है। मान हानि से बचने के लिए यह बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा अनपढ़ भी बहुत कुछ जरूरी कानून जानता है।पीएचडी वालो को सभी कानून का ज्ञान नहीं होता है।पत्रकार के लिए विधिक अज्ञानता अक्षम है।

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