वाकई यकीन नही होता धर्मांतरण के चक्रव्यूह और फसते मासूम

उन्नाव

उन्नाव से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

हम औरंगजेब मुस्लिम शासकों को गाली देते हैं कि उसने बहुत से हिंदुओं को मुसलमान बना दिया। आज के समय में कुछ लोग गरीब लाचार अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को पैसे का लालच देकर खाने का लालच देकर और कपड़े का लालच देकर क्रिश्चन बना रहे हैं। आज 21वीं शताब्दी में भी वाकई क्या इतनी लाचारी है? इतना लालच है कि लोग छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए जैसे कि क्रिश्चियन बनने के बाद उन्हें चर्च से पैसे मिल जाएंगे क्रिश्चियन बनने के बाद मिशनरी स्कूल में एडमिशन हो जाएगा और ईसाई बनने के बाद छोटे-मोटे व्यापार के लिए चर्च से पैसे मिल जाएंगे।

और यदि वाकई धर्मांतरण समय की मांग थी तो फिर हम विशेष कम्यूनिटी के लोगों को ही कब तक कोसते रहेंगे  हमें कोसना उस समुदाय को चाहिए जो आज भी लालची है सरकार की इतनी सुविधाएं आरक्षण मिलने के बाद भी खुद को असहाय समझते हैं। हमें कोसना उन पार्टियों को चाहिए जो सारी सुविधाएं देने के बाद भी आज भी सिर्फ हिंदुओं और हिंदुत्व के नाम पर जातीय विद्वेष चलाना चाहते हैं, पर इन मासूम और भोले भाले लोगों को हिंदू बने रहने के लिए कोई सुविधा नहीं देते।

जो लोग इन भोले भाले लोगों को पैसे और सुविधाओं का लालच देकर मिशनरी उद्देश्यों के तहत धर्मांतरण करा रहे हैं उनके लिए सरकार को कठोर कानून बनाना चाहिए। अफसोस तब होता है जब धर्मांतरण के ज्यादा ठेका लेने वाले और बड़े लोग ही बीजेपी में बड़े पदों पर कार्यरत हैं। कोई किसी विशेष मोर्चा का अध्यक्ष है तो कोई किसी विशेष महिला मोर्चा का अध्यक्ष या अन्य पदाधिकारी और सत्ता तथा बीजेपी और बड़े मंत्रियों विधायकों के साथ अपने तालुकात का हवाला देकर उन गरीबों का काम करा देने का हवाला देकर धर्मांतरण बड़ी तेजी से गांव में कराते जा रहें है। सु

विधाएं पद और प्रतिष्ठा का लालच, सत्तारूढ़ पार्टी में होने का पूरा फायदा उठा रहे है। और यह गरीबों को और हिंदुत्ववादी राष्ट्र को धर्मांतरण के चक्रव्यूह में बड़ी ही मासूमियत के चेहरों के साथ फसा रहे हैं । निश्चित रूप से पार्टी को हिंदुत्ववादी नीति और हिंदुओं को प्रश्रय देने के लिए सिर्फ चुनावी बातें नहीं जमीनी स्तर पर भी कुछ करना होगा। शासन को संज्ञान लेकर सबसे पहले तो ऐसे लोगों को अपनी पार्टी से निकालना होगा जो धर्मांतरण से जुड़े हुए हैं और यदि धर्मांतरण करा रहे हैं तो उनके लिए कठोर दंड का भी प्रावधान किया जाना चाहिए। यह धर्मांतरण स्वेक्षिक नहीं होते दबाव लालच डर इत्यादि के कारण कराए जाते हैं।

एक तरफ हम कह रहे हैं कहीं हम मुस्लिम तो नहीं बन रहे हैं लेकिन सच तो यह है कि हम और हमारे लोग धीरे-धीरे बहुत ही निचले स्तर से शुरू करके चक्रव्यूह में फंसाए जा रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा क्रिश्चन बनाए जा रहे हैं। यानी कि यह संभव है कि भविष्य में हम सब क्रिश्चियन जरूर बन जाएंगे। आप खुद आसपास के गांव को देखें और सर्वे कराए और मनन करें क्या यह समय नहीं है जब धर्मांतरण कराने वालों पर कठोर कार्यवाही शासन और प्रशासन के द्वारा की जानी चाहिए बेसहारा गरीब और भोले भाले अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को बचाया जाए उन्हें हिंदू ही बने रहने दिया जाए इसके लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है । क्या समय की मांग नहीं है।

सतर्क रहें इस मुहिम से महिलाएं और पुरुष दोनों की जुड़े हुए हैं। जो बहुत ही प्रेम से मीटिंग के नाम पर, दिव्य पुरुष के चमत्कार के नाम पर चमत्कारिक जल के नाम पर सभी बीमारियों को दूर करने के नाम पर और आपके धर्म और संप्रदाय की वृद्धि होने के नाम पर बड़े-बड़े नेताओं से आपका काम करा देने के नाम पर कभी भी धर्मांतरण करा सकते हैं।

कल एक शादी में एक परिवार से मुलाकात हुई परिवार में 5 लोग थे और सभी हाल ही में क्रिश्चन बने थे। उन्होंने बताया कि उनके गांव में एक महिला आती है जो शनिवार और इतवार को धर्मांतरण की विशेष मीटिंग कराती है। नाम बताना उचित नहीं समझती निश्चित रूप से आपको बहुत मुखौटे वाले मिल जाएंगे। जागरूक होकर इन चेहरों को बेनकाब करें।

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