प्राजकता के पौधे या पारिजात का माहात्म्य |

उन्नाव

उन्नाव से राजेन्द्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़

वर्तमान समय में हमारी जीवनशैली कुछ ऐसी हो गई है कि कुछ समय का सुख शांति पाने के लिए लोग हरीतिमा वनस्पति और पेड़ पौधों की चाहत में उनकी खोज करते रहते हैं। पेड़ पौधे एक ओर मन को सुकून देते हैं शांति का अनुभव कराते हैं, तो दूसरी ओर पेड़ पौधे तन मन को स्वस्थ रखने में हमारी मदद करते हैं और यही कारण है कि अक्सर लोग अपने आस पास घरों में जहाँ स्थान मिलता है। वहीं पेड़ पौधे व फूलों की बेलें आदि लगाते हैं।

हमारे प्राचीन ग्रंथों व शास्त्रों में कहा गया है कि एक पेड़ दस पुत्रों के बराबर होता है। जहाँ फूलों वाले पौधे तनाव मुक्त करते हैं। वहीं इन्हें देखकर मानसिक शांति भी मिलती है। हरे भरे पौधों से घर में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है और कुछ पेड़ पौधे तो सिर्फ सजावट के लिए ही लगाये जाते हैं। वहीं कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं। जो घर की तरक्की सुख समृद्धि और खुशहाली के आगमन में भी सहायक होते हैं।

वास्तु शास्त्र में कई ऐसे पौधों की जानकारी दी गई है। जिन्हें घर में लगाने से घर की समृद्धि बनी रहती है जैसे तुलसी जास्मिन या चमेली मनी प्लांट पाम ट्री फ़र्न प्लांट साइट्रस यानी नींबू, नारंगी या संतरे और पारिजात या रातरानी के पौधे। इनमें से पारिजात एक पौधा है जिसको आम तौर पर सभी हरसिंगार के नाम से जानते हैं। जिस घर में पारिजात का वृक्ष लगा होता है उस घर में सुख समृद्धि आती है।

आइये अब हम जानते हैं पारिजात के लाभ

प्राचीन मान्यता है कि पारिजात का वृक्ष समुद्र मंथन से निकला था। कहा जाता है कि जिस घर में हरसिंगार का पौधा लगा होता है उस घर में सदैव माँ लक्ष्मी व अन्य देवताओं का निवास भी होता है।

पारिजात का वृक्ष घर में लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में सुख समृद्धि भी आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पारिजात का पौधा घर में लगाते हैं तो घर में धन धान्य व ऐश्वर्य की कमी नहीं होती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार पारिजात का पौधा घर की उत्तर पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं ईशान कोण जो देव स्थान माना जाता है उस स्थान में यदि अच्छा देखने को मिलता है तो इससे मानसिक तनाव भी दूर होता है।
इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिये कि पारिजात पौधे को दक्षिण दिशा या आग्नेय कोण में लगाना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा करने से लाभ की जगह नुकसान होने लगता है । इसी तरह पारिजात का पौधा यदि मंदिर के आस पास लगाया जाता है तो ज्यादा फलदायी होता है।

इस संबंध में मेरी एक कविता भी मैं यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ ।

पारिजात की महिमा
प्राजकता के वृक्ष जब पल्लवित प्रफुल्लित और सुगंधित होते हैं।
श्रीहरि के शृंगार हेतु पुष्प इसके
प्रभु को सभी समर्पित करते हैं।

हरसिंगार शेफाली शिवली और
रातरानी नाम से यह जाने जाते हैं
इसके पौधे दुनिया भर में मात्र दस
पंद्रह फीट तक ऊँचाई के होते हैं।

पारिजात पर सुन्दर व सुगन्धित
पुष्प प्रफुल्लित मनमोहक लगते हैं।
इसके पत्ते फूल और छाल भी
औषधि में उपयोग किये जाते हैं।

पारिजात का फूल भगवान विष्णु
के श्रृंगार पूजा में प्रयोग होता है। मनमोहक और सुगंधित इन फूलों
का हरिसिंगार नाम दिया जाता है।

आदित्य आयुर्वेदिक औषधि में
पारिजात पत्ते फूल छाल आदि
के गुणधर्म का अति महत्व होता है।
इसीलिये इसे शुभ माना जाता है।

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