इंदौर
इंदौर से राजेंद्र कसेरा की रिपोर्ट बी.न्यूज़
चैत नवरात्रि के 7वें दिन देवी दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कालरात्रि संकट को हरती हैं और नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं।
माना जाता है कि नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करने से कई समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है l मान्यता है कि चैत नवरात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
ऐसा में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर पूजा करने और गोद भरवा लेने से घर के आंगन में किलकारियां गूंजने लगती है। युग है कि इस मंदिर में जो भी एक बार गोद भरवा लेता है।
उसके आंगन में किलकारियां जरूर गूंजती है। यही कारण है कि मां कालरात्रि के इस मंदिर में संतान की चाह रखने वाले दंपत्ति जरूर आते हैं। चैत नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।
मां कालरात्रि के इस दरबार में आने वाले भक्त मां को तीन नारियल चढ़ाकर गोद भरने की प्रार्थना करते हैं। मंदिर के पुजारी श्रद्धालुओं को गले में बंधन बांधने के लिए मौली का धागा देते हैं।
मान्यता है कि इस धागे को कम से कम 5 सप्ताह तक गले में बांधना होता है। जब मुराद पूरी हो जाती है तो यहां के पेड़ पर पांच नारियलों का तोरण बांधना पड़ता है।