विरोध और अंतरकलह से डूबी संगम लाल गुप्ता की नैया |

प्रतापगढ़

प्रतापगढ़ जनपद से बी.न्यूज़ की रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद पहली ही सूची में संगम लाल गुप्ता के प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद ही पार्टी की अंतरकलह खुलकर सामने आ गई। संगम लाल ने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को साथ जुटाने का प्रयास किया, लेकिन इसका कोई फायदा उन्हें नहीं मिला। लोकसभा चुनाव के लिए जिले के तमाम पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रयासरत थे। लेकिन पहली ही सूची में जिले के प्रत्याशी को घोषणा हो गई। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं में मायूसी के साथ ही पार्टी की अंतरकलह भी सामने आ गई। नतीजा यह रहा कि 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े संगमलाल गुप्ता ने 1,17,752 वोट से जीत दर्ज की। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह जीत से दूर हो गए।

प्रत्याशी घोषित होते ही दिखने लगा असंतोष |

लोकसभा से दोबारा प्रत्याशी बनाए गए संगम लाल गुप्ता को लेकर पार्टी के लोगों में असंतोष रहा। यह पार्टी की बैठक और सम्मेलन में भी देखने को मिला। विरोध इतना ज्यादा था कि कई जगह पर पार्टी के ही कार्यकर्ता प्रत्याशी के विरोध में बोलने लगे। इसके साथ ही पांच साल तक कार्यकर्ताओं की अनदेखी के भी आरोप लगते रहे। रानीगंज विधानसभा से पूर्व विधायक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल वीडियों में वह यह कहते हुए सुने जा गए कि उनका पार्टी से कोई विरोध नहीं बल्कि प्रत्याशी से है। इस दौरान चुनाव की जिम्मेदारी निभा रहे कई नेता, मंत्री मौजूद रहे।

जनता की रही नाराजगी |

नेता के अलावा उनकी दूसरी छवि मुंबई के व्यवसायी के रूप में भी जानी जाती है। जनता के बीच सबसे बड़ी नाराजगी यह रही कि वह पांच साल के कार्यकाल में जनता के बीच कम ही रहे। जनता के बीच अपनी पकड़ बनाने के लिए सांसद रात्रि प्रवास शुरू किया। इसके बाद भी वह जनता के बीच न तो अपनी पकड़ को मजबूत बना सके न ही लोगों की नाराजगी को दूर कर पाए।

अपना दल (एस) के कार्यकर्ताओं का किनारा करना |

लोकसभा चुनाव से पहले तक अपना दल (एस) के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी के साथ खड़े थे। कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (एस) के कोटे में टिकट जाएगा। वह इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन यह टिकट भी भाजपा के कोटे में चला गया। कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी लोकसभा में उन्हें मौका मिल सकता है, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

अनुप्रिया के बयान से एक वर्ग की नाराजगी

कौशाम्बी लोकसभा प्रत्याशी विनोद सोनकर के पक्ष में बाबागंज विधानसभा की हीरागंज बाजार में जनसभा को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि ‘राजा रानी के पेट से नहीं ईवीएम से पैदा होते। यहां कुछ लोग पर कुंडा को अपनी जांगीर समझते हैं।’ उनके इस बयान से राजा भैया समर्थकों में खासी नाराजगी व्यक्त की।

इसके बाद प्रतापगढ़ लोकसभा प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता के पक्ष में पट्टी और विश्वनाथगंज विधानसभा में जनसभा को संबोधित किया। पट्टी में भाजपा प्रत्याशी ने मंच से कहा कि ‘क्या यहां सिर्फ क्षत्रियों को ही सांसद बनने का अधिकार है।’उनके बयान से एक वर्ग के मतदाताओं में आक्रोश रहा।
विवादों को लेकर चर्चा में रहे, आरोप भी लगे

भाजपा प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता के पिछले दो साल में पार्टी के पदाधिकारियों से ही विवाद सामने आते रहे हैं। 2022 में सदर विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते राजेंद्र मौर्य से भी इनके विवाद के चर्चाएं आम रहीं। नगर पंचायत चुनाव में भी संगमलाल पर अपने चहेतों को टिकट दिलवाने के आरोप लगे। नाराजगी में कुछ कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय पर रात में हंगामा और प्रदर्शन करने लगे थे।

लोकसभा चुनाव करीब आते ही टेरर फंडिंग के आरोपित पृथ्वीगंज नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि को भाजपा ज्वाइन करवाने को भी लेकर चर्चा में रहे। चुनाव के दौरान रानीगंज में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की जनसभा में सपा नेता विनोद दुबे को भाजपा में शामिल करवाने को लेकर एक पूर्व विधायक का विरोध चर्चा में रहा। नवसृजित नगर पंचायत सुवंसा प्रत्याशी के चयन को लेकर भी पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा।

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