प्रतापगढ़ के लालगंज मे सिपाही पद पर तैनात आशुतोष यादव की थाने परिसर से सटे बैरक मे तीसरी मंजिल पर संदिग्ध परिस्थितियों मे मौत से हर कोई स्तब्ध है।
नमस्कार दोस्तो मैं दुर्गेश तिवारी आप देख रहे हैं B News (सच वही जो हम दिखाये )
प्रतापगढ़ ।
लालगंज मे सिपाही पद पर तैनात आशुतोष यादव की थाने परिसर से सटे बैरक मे तीसरी मंजिल पर संदिग्ध परिस्थितियों मे मौत से हर कोई स्तब्ध है।
मृतक आशुतोष यादव की 16 फरवरी 2019 को लालगंज थाने मे तैनाती हुई थी।
अभी कुछ दिनों पहले ही वह घर से छुट्टी मनाकर लौटा था।
शुक्रवार की सुबह वह हर रोज के तरीके से तैयार हुआ खाना खाया, और अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गया AK47 के साथ।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि वह बैरक के तीसरी मंजिल पर गया और सीढी पर गोली मार ली।
इस घटना के तकरीबन सात घण्टे बाद एक सिपाही उसे खोजते हुये पहुंचता है और देखता है कि वह सीढी पर रक्तरंजित मृत पडा हुआ रहता है।
सवाल यह है कि अगर उसे खुद को गोली मारनी थी तो तीसरी मंजिल की सीढी पर ही क्यों गया?
वह दूसरी मंजिल या कही और भी आत्महत्या कर सकता था। जब वह ड्यूटी पर तैनात हो गया AK47 लेकर, उसे तकरीबन सात घण्टों के बाद ही क्यों खोजा गया?
जब सिपाही अपने काम से नदारद था तो उसे पहले क्यों नही खोजा गया। बताया जा रहा है कि उसे पुलिस वालों द्वारा खोजने का प्रयास पहले किया गया,
जब वह नहीं मिला तो उसका इंतजार किया जाने लगा। इसमे कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा।
क्या कारण था कि उसने अपना मोबाइल स्वीच आफ कर दिया? ताकि उसे कोई खोज न पाये। यह बात समझ से परे लगती है।
लेकिन सिपाही की इस तरह से संदिग्ध मौत ने कई सवाल खडे कर दिये हैं, जिसका राज समय के साथ ही खुलेगा।