अमेठी तहसील में तैनात लेखपाल प्रशांत सिंह ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, दूसरे के द्वारा वरासत के नाम पर लिए गए पैसों को वापस करवाया

 

अमेठी

संसार की व्यवस्था चोर बेईमान तथा ठगों के कारण नहीं चल रही है । आज भी ईमानदार लोग बचे हुए हैं जिसकी वजह से यह व्यवस्था चल रही है । सरकारी तंत्र में एक तरफ जहां बड़े पैमाने पर लूट, खसोट भ्रष्टाचार तथा घूंसखोरी चरम पर है । वहीं पर दूसरी तरफ कुछ बेहद ईमानदार अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद है जो इमानदारी की मिसाल कायम कर अपना व अपने विभाग का तथा सरकार की छवि को धूमिल होने से बचा रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला अमेठी जिले की अमेठी तहसील क्षेत्र अंतर्गत ब्लॉक संग्रामपुर के ग्राम सभा तारापुर में तैनात लेखपाल प्रशांत सिंह का सामने आया है जिन्होंने अपनी इमानदारी की मिसाल पेश करते हुए उनके नाम पर दूसरों के द्वारा लिए गए पैसे को उन्होंने वापस करवाकर प्रमोद के घर पहुंचाया है। यही नहीं उन्होंने वरासत दर्ज कराने के लिए पैसा देने वाले व्यक्ति से साफ तौर पर कहा कि कहीं पर भी कोई पैसा नहीं लगता है और आइंदा से मेरे नाम पर कोई भी पैसा मांगे तो मुझे अवगत कराइएगा। जो भी राजकीय कार्य है वह मेरी ड्यूटी है उसमें उसमें धन की कहीं कोई बात नहीं आती है।

लेखपाल प्रशांत सिंह ने बताया कि वरासत के लिए सरकार के निर्देश पर हम लोगों ने कैंप लगाकर वरासत दर्ज की थी लेकिन प्रमोद के बाहर रहने के चलते उनका वरासत नहीं दर्ज हो पाया था । इस मामले में पैसा देने वाले प्रमोद सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं बाहर रहता हूं, कुछ दिनों पहले मेरी माता जी की मृत्यु हो गई थी। अब जमीन की वरासत मेरे नाम होनी थी इसके लिए मैं तहसील गया हुआ था वहां पर एक व्यक्ति मुझसे मिले और बताया कि अब तुम को दोबारा आने की जरूरत नहीं है और इसके लिए पैसा लगेगा लेखपाल भी ले लेंगे पैसा दे दो तुम्हारा काम हो जाएगा और मैंने उसको पैसा दे दिया। यह बात जब लेखपाल प्रशांत सिंह को पता चली तो वह उसे पैसा वापस दिलवाए तथा मुझसे कहा कि इस विषय में पूरे इलाके में कोई भी बात होती है तो आप ही नहीं, जो भी बताएगा उसका काम नियमानुसार बिना हम करेंगे।

 

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