भारत भर में फैला हुआ है बर्ड फ्लू क्या यह इंसानों के लिए भी जानलेवा हो सकता है?

 

बर्ड फ्लू जो पूरे भारत में चर्चा का विषय बन चुका है।
जिसकी वजह से भारत में हजारों हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है ।

फिर भी लोगों के अंदर अभी भी आशंका बनी हुई कि कारोना की तरह कि यह फ्लू भी जूनोटिक बीमारी है ।

अर्थात यह भी इंसान से इंसान में ट्रांसफर होती है और लोगों को संक्रमित कर देगी ।

क्या यह भी आम इंसान की जिंदगी के लिए बहुत खतरनाक है ।

आज मैं आपको इन सब के बारे में जानकारियां दूंगी और बताऊंगी कि क्या है ब्लड फ्लू और कैसे यह लोगों में डर का कारण बनता जा रहा है।

कहां से हुई बर्ड फ्लू की शुरुआत?

बर्ड फ्लू का पहला मामला वर्ष 1996 में चीन में मिला था।

फिर उसके बाद यही बीमारी 1997 में हांगकांग में देखी गई।

2003 में भी यह कई आसियान देशों में देखी गई।

2004 में यही बीमारी दक्षिणी पूर्वी एशिया और थाईलैंड में भी देखी गई।

और 2005 में यह बीमारी यूरेशिया वाले क्षेत्र में भी पाई गई।

आखिरकार यह बीमारी पक्षियों को ही क्यों संक्रमित करती है?

किसी क्षेत्र विशेष में जो पक्षी पाए जाते हैं उन्हें घरेलू पक्षी कहते हैं।

जिस प्रकार मुर्गी पालन क्षेत्र में मुर्गी का पालन किया जाता है जिससे कि उसे खाद्य तथा अन्य रूप में उसका उपयोग किया जा सके उसी प्रकार से अन्य जानवरों का भी पालन किया जाता है इस प्रकार के पक्षियों को घरेलू पक्षी कहते हैं।

भारत में सर्दियों के मौसम में बहुत सारे प्रवासी पक्षी आर्कटिक क्षेत्र से उड़ कर आ जाते हैं।

इस साल प्रवासी पक्षियों के लिए बिहार में एक त्यौहार भी मनाया गया जिसे बिहार का पहला प्रवासी पक्षी त्योहार कहते हैं जो कि भागलपुर में संपन्न हुआ।

इन्हीं प्रवासी पक्षियों के कारण बीमारियां एक स्थान से दूसरे स्थान पर फैलती है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के अंदर 5 सेंचुरी में कुछ प्रवासी पक्षी मृत पाए गए।

जब उनकी जांच की गई तो उनके अंदर बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए।

और इसके बाद ही भारत के कई जिले की राजस्थान मध्य प्रदेश आदि से भी ऐसी खबर आई कि वहां पर एक ही प्रकार के कई सारे पक्षी साथ ही मृत पाए जा रहे हैं।

इसी के तहत केरल में 12000 बत्तखो को मार दिया गया।

जिसके कारण केरल में इमरजेंसी की घोषणा की गई।

यह इंसानों में बहुत ही कम मात्रा में फैल रहा है लेकिन यदि कोई व्यक्ति जीवित पक्षी जिससे कि ब्लड थ्रू है उसे छूता है उसका सेवन करता है या ऐसी कोई क्रिया करता है तो उसके अंदर यह वायरस फैल सकता है और साथ ही यह भी पता किया गया है कि यह वायरस बहुत ही खतरनाक है इसकी मृत्यु दर 50% से अधिक है।

आप सभी को इस वायरस से सतर्क रहना चाहिए वरना यह आपके जान के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है

देखना होगा कि यह भारत में किस प्रकार से कोहराम मच आता है या फिर शांतिपूर्ण तरीके से कुछ पक्षियों को ही बीमार कर के चला जाता है

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