जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह व शिवकुमार सिंह के साथ बनाये गए अभियुक्त रमाकान्त मिश्रा व राजेन्द्र मिश्रा को एम पी एम एल ए कोर्ट से बिना आत्मसमर्पण के ही मिली जमानत
बिना आत्मसमर्पण के जिले की हुई पहली बेल,,, जबकि इसी मामले में सहअभियुक्त बनाये गए जि. प. अ. ऊषा सिंह व उनके पति शिवकुमार सिंह को घंटो कस्टडी में खड़े रहने के बाद मिली थी जमानत
सहअभियुक्त राजेन्द्र मिश्र व रमाकान्त मिश्र की जमानत पर उनके फौजदारी अधिवक्ता सन्तोष कुमार पाण्डेय द्वारा की गई बहस से लोगों के बीच मे हो रही बड़ी चर्चा
मायंग गाँव निवासी जिले के बाहुबली यशभद्र सिंह ने दर्ज कराया था मुकदमा,, निवर्तमान ब्लाक प्रमुख व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पद प्रत्याशी मोनू सिंह के समर्थक प्रत्याशी जानकी देवी के पर्चा दाखिला करने जाते समय 15 फरवरी 2016 को शिवकुमार सिंह व वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह समेत 8 नामजद व कुछ अज्ञात लोगों द्वारा मां बहन की भद्दी भद्दी गालियां देने और अपहरण करने की कोशिश कर जान से मार डालने की नीयत से फायरिंग किये जाने पर दर्ज कराया गया था मुकदमा
307 जैसे गंम्भीर धाराओं में बिना आत्मसमर्पण के जमानत होने पर अधिवक्ताओ व जनता के बीच बना चर्चा का विषय
मामला धनपतगंज थाना क्षेत्र के मायग गाँव से जुड़ा हुआ है जहां निवासी जिले के बाहुबली यशभद्र सिंह ,मोनू , ने अपने समर्थक प्रत्याशी जानकी देवी पत्नी केशरी प्रसाद को 2016 में धनपतगंज ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ाया था तो वही वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह व उनके पति शिवकुमार सिंह समेत 8 नामजद व कुछ अज्ञात लोगों द्वारा मोनू सिंह समर्थित प्रत्याशी जानकी देवी को ब्लाक प्रमुख पद के लिए पर्चा दाखिल करने से मना किये जाने के लिए ब्लाक गेट के सामने लगे बेरिकेटिंग को तोड़कर आचार संहिता का उल्लंघन करके हवा में असलहा लहराते हुए दहशत फैलाने और ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी जानकी देवी को जान से मार डालने की नीयत से फायरिंग करने लगे और अपहरण करके जान से मारने व जाति सूचक शब्दो के साथ मां बहन की भद्दी भद्दी गालियां देने लगे तो बाहुबली मोनू सिंह के द्वारा उनके समर्थित प्रत्यशी पर किये जा रहे हमले व गाली गलौज का कारण पूछा गया तो शिवकुमार सिंह ,दद्दन दूबे, राजेन्द्र मिश्रा समेत अन्य लोग मोनू सिंह को गाली गलौज देते हुए जान से मार डालने की नीयत से फायरिंग करने लगे तो प्रार्थी मोनू सिंह मामले की सूचना धनपतगंज थाना अध्यक्ष को दिया लेकिन निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के दबाब में मुकदमा पंजीकृत नही किया गया था जिसके सम्बन्ध में बाहुबली मोनू सिंह द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से 156(3)CRPC के तहत न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया जिस संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था जिसके आदेश पर मु अ संख्या 113/2016 अंर्तगत धारा– 147,148,323,352,336,353,427,504,506,171,IPC व 3(1)(5)एस सी एस टी एक्ट थाना कूरेभार में पंजीकृत कर आरोप पत्र दाखिल किया गया जिस पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय द्वारा वारण्ट जारी किया गया था जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह व शिवकुमार सिंह समेत अन्य अभियुक्त को कोर्ट ने घंटों कस्टडी में खड़ा करके जमानत दे दिया था तो वही सहअभियुक्त बनाये गए राजेन्द्र मिश्र, रमाकान्त मिश्रा के द्वारा अपने फौजदारी अधिवक्ता सन्तोष कुमार पाण्डेय के माध्यम से बिना आत्मसमर्पण के ही जमानत अर्जी दाखिल की गई और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी गाइडलाइन हवाला देते हुए आज दिनांक 1 नवंबर को बहस की गई जिनके तर्कों से संतुष्ट होकर एम पी एम एल ए कोर्ट के स्पेशल जज पी के जयन्त अस्थाई (अन्तरिम) जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए जमानत पर सुनवाई हेतू अग्रिम तिथि 12 नवम्बर को निश्चित की गई।